Rajasthan Palanhar Yojana: यदि कोई बच्चा बेघर हो तो उसका भविष्य कैसा होगा? अनाथ बच्चों को भविष्य में क्या हासिल होगा? क्या ऐसे बच्चों के लिए आम तौर पर कोई योजनाएं होती हैं जिनका लाभ जरूरतमंदों को मिल सके? इस तरह के तमाम सवाल लोगों के ज़हन में आते रहते हैं। तो आइए हम आपको आज इसी तरह के कुछ सवालों का जवाब देने की कोशिश करते हैं। बात राजस्थान के संदर्भ में करें तो यहां सीएम भजनलाल शर्मा के नेतृत्व वाली सरकार अनाथ और बेघर बच्चों के लिए खूब प्रयासरत नजर आती है।
इसी कड़ी में राजस्थान सरकार की ओर से पालनहार योजना नामक एक खास स्कीम शुरू की गई है। पालनहार योजना के तहत राजस्थान सरकार अनाथ और बेघर बच्चों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराकर उनका भविष्य संवारने का काम करती है। आइए हम आपको पालनहार योजना के बारे में विस्तार से बताने की कोशिश करते हैं।
'बच्चों' का भविष्य संवार रही भजनलाल सरकार!
राजस्थान सरकार पालनहार योजना की मदद से राज्य में अनाथ और बेघर बच्चों का भविष्य संवारने का काम कर रही है। इस योजना का लक्ष्य जरूरतमंद बच्चों का पालन-पोषण और उन्हें शिक्षा उपलब्ध कराना है। योजना के लाभार्थी 0 से 6 वर्ष की उम्र और 7 वर्ष से 18 वर्ष की दो श्रेणी में रखे गए हैं।
योजना साथी के साइट पर दर्ज जानकारी के मुताबिक राजस्थान सरकार पालनहार योजना के तहत किसी भी अनाथ बालक/बालिका जिसकी उर्म 0 से लेकर 6 वर्ष तक है, उसे 1500 रुपए प्रतिमाह की आर्थिक सहायता देती है। वहीं 7 वर्ष से लेकर 18 वर्ष तक की उम्र वाले बच्चों को 2500 रुपए प्रतिमाह की दर से आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
6 वर्ष से अधिक बच्चे को 1000 रुपये की सहायता
पालनहार योजना के तहत अनाथ के अलावा अन्य श्रेणी के बच्चों का भी ख्याल रखा जाता है। इसके तहत अन्य श्रेणी के बच्चें जिनकी उम्र 0 से 6 वर्ष है, उन्हें 500 रुपए और 6 वर्ष से अधिक वाले बच्चों को 1000 रुपए की आर्थिक सहायता दी जाती है। इसके अतिरिक्त राजस्थान सरकार प्रत्येक वर्ष बच्चों के कपड़ें, जूते व अन्य जरूरतों को पूर्ण करने के लिए 2000 रुपए प्रत्येक वर्ष देती है।
आप कैसे ले सकते हैं योजना का लाभ
ध्यान देने योग्य बात ये है कि पालनहार योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से आवेदन किए जा सकते हैं। ऑनलाइन आवेदन के लिए योजना की अधिकारी वेबसाइट sje rajasthan gov in पर जाना होगा। वहीं ऑफलाइन आवेदन के लिए इसी साइट से फॉर्म डाउनलोड कर भरना होगा। फिर अपने जिलाधिकारी या संबंधित विकास अधिकारी के पास जमा करना होगा। इसके बाद आवेदन स्वीकार्य कर आगे की प्रक्रिया पूर्ण की जाएगी और पात्र बच्चों को योजना का लाभ दिया जा सकेगा।
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