Holika Dahan 2025: पूरे भारत में इस वक्त होली की धूम मची है। हर जगह बड़े ही धूमधाम के साथ होलिका दहन करके होली का त्योहार मनाया जाता है। लेकिन राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के हरणी गांव में स्थित एक ऐसा गांव है जहां 70 साल से होलिका दहन नहीं हुआ है। यहां के लोगों की होलिका दहन ना करके अनोखी परंपरा से इस त्योहार को मनाया जाता हैं।

इस कारण से नहीं मनाया जाता होलिका दहन 

स्थानीयों के मुताबिक लगभग 70 साल पहले होलिका दहन के समय भीषण आग लग गई थी, इस दौरान गांव में काफी नुकसान हुआ था। साथ ही इस घटना से गांव के कई परिवारों में आपसी विवाद हो गया था। जिसके बाद गांव में पंचायत बैठाई गई थी और फिर तब से होलिका दहन नहीं करने का फैसला लिया गया। पूरे गांव में इस दिन केवल होलिका और प्रहलाद की पूजा की जाती है।

सोने के प्रहलाद और चांदी की होलिका 

इस घटना के बाद ग्रामीणों द्वारा चंदा इकट्ठा कर सोने के प्रहलाद और चांदी की होलिका बनवाया गया था। तब से सब लोग इन्हीं की पूजा करते आ रहे है। गांव वालों का कहना है कि इस फैसले से प्रकृति का नुकसान भी नहीं होगा, साथ ही पेड़-पौधों को भी नहीं काटा जाएगा।

निकली जाती है शोभायात्रा

होली के अवसर पर शाम को गांव के सभी लोग चौक में इक्कठे होते हैं और फिर एक साथ प्रहलाद और होलिका की पूजा करते हैं। इसके अलावा एक थाली में होलिका और प्रहलाद की मूर्ति को सजाकर शोभायात्रा निकाली जाती है। इसके बाद उन्हें वापस श्री हरणी श्याम मंदिर में स्थापित किया जाता है।

इस अनोखे गांव में लगभग 70 सालों से कोई भी होलिका दहन नहीं मना रहा है। लोगों का मानना है कि होलिका दहन करने से गांव पर संकट मंडराता है इसी कारण से कभी होली दहन न करने का फैसला लिया गया है। इस फैसले से प्रकृति पर भी कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है और धूम धाम से होलिका और प्रहलाद की पूजा की जाती है।