Udaipur History: राजस्थान का उदयपुर, जिसे 'झीलों का शहर' कहा जाता है, अपने रोचक इतिहास, सुंदर महलों और दर्शनीय स्थलों के लिए प्रसिद्ध है। यह शहर अपनी संस्कृति और रंगीनता के लिए जाना जाता है और इसके चारों ओर सात खूबसूरत झीलें हैं, जो इसे एक अद्वितीय आकर्षण देती हैं। तो आइए आज इस आर्टिकल में आपको उदयपुर के इतिहास के बारे में बताते हैं। 

उदयपुर की स्थापना

उदयपुर का इतिहास 1558 में शुरू होता है, जब राजपूत सिसोदिया वंश के महाराजा उदय सिंह ने चित्तौड़गढ़ से अपनी राजधानी को यहां स्थानांतरित किया। उदयपुर, मेवाड़ राज्य की ऐतिहासिक राजधानी बन गया और तब से यह शहर राजपूतों की शान और गौरव का प्रतीक बन गया।

कहा जाता है कि उदयपुर की स्थापना के लिए महाराजा उदय सिंह ने एक सुरक्षित स्थान की तलाश की थी, जहां उन्हें शत्रुओं से सुरक्षा मिल सके। यह शहर न केवल एक सैन्य ठिकाना बना, बल्कि कला, संस्कृति और व्यापार का केंद्र भी बन गया।

राजधानी का विकास

उदयपुर, 1818 तक मेवाड़ की राजधानी बना रहा। 1947 में भारत की स्वतंत्रता के बाद, यह मेवाड़ प्रांत का हिस्सा बन गया और राजस्थान राज्य का एक महत्वपूर्ण शहर बन गया।

स्थापना की तिथियों पर विवाद

उदयपुर की स्थापना की तिथि को लेकर इतिहासकारों में मतभेद हैं। कुछ का कहना है कि इसकी स्थापना पंद्रह अप्रैल 1553 में हुई थी, जिसका सबूत मोतीमहल में मिलता है। मोतीमहल, जिसे उदयपुर का पहला महल माना जाता है, अब खंडहर में तब्दील हो चुका है, लेकिन इसे मोतीमगरी ट्रस्ट द्वारा संरक्षित किया जा रहा है।

कुछ अन्य इतिहासकारों का मानना है कि उदयपुर की स्थापना आखातीज के दिन हुई थी। हालांकि, इस तिथि के समर्थन में कोई ठोस प्रमाण या शिलालेख उपलब्ध नहीं है, जिससे यह स्पष्ट हो सके।

उदयपुर में कई महत्वपूर्ण दर्शनीय स्थल हैं, जो इसे पर्यटन का प्रमुख केंद्र बनाते हैं-

1. पिछोला झील: यह उदयपुर की सबसे प्रसिद्ध झील है, जो अपने खूबसूरत नज़ारों और सैरगाहों के लिए जानी जाती है।

2. सिटी पैलेस: यह महल एक विशाल परिसर है, जिसमें कई महल, courtyards और संग्रहालय हैं। यह राजपूत स्थापत्य कला का अद्वितीय उदाहरण है।

3. फतेहसागर झील: यह झील अपने शांत वातावरण और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है। यहां पर बोटिंग और अन्य जल गतिविधियां की जा सकती हैं।

4. मोती नगरी: यह एक खूबसूरत द्वीप है, जो फतेहसागर झील के बीच स्थित है। यहां एक अद्भुत गार्डन और किला भी है।

5. सहेलियों की बाड़ी: यह उदयपुर का एक ऐतिहासिक उद्यान है, जिसे रानी की सहेलियों के लिए बनाया गया था। यहां पर सुंदर फव्वारे, तालाब और बाग-बगिचे हैं।