Farmers Strike Against Privatization: राजस्थान के बूंदी जिले में शनिवार को माधोराजपुरा इलेक्ट्रिकल ग्रेड का प्राइवेटाइजेशन किए जाने के खिलाफ किसानों ने प्रदर्शन कर बड़ी संख्या में बिजली विभाग ऑफिस में बैठकर धरना प्रदर्शन किया। किसानों द्वारा प्राइवेटाइजेशन के खिलाफ प्रदर्शन किए जाने के दौरान किसानों ने प्रशासन को 10 दिन का अल्टीमेटम समय देते हुए कहा कि अगर उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो वे 20 जनवरी को बिजली विभाग के ऑफिस में ताला लगाकर बाहर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ जाएंगे और इस निजीकरण के विरोध में प्रदर्शन करेंगे।
किसान नेता गिरिराज गौतम का बयान
किसान नेता गिरिराज गौतम ने बताया कि उन्होने बिजली विभाग को 7 दिन से पहले भी चेतावनी दी थी, लेकिन प्रशासन ने इस चेतावनी को गंभीरता नहीं लिया। जिससे किसानों में इसके प्रति विद्रोह की भावना दिखी दी है, क्योंकि किसान किसी भी कीमत पर निजीकरण बर्दाश्त नहीं करेगी।
किसान नेता ने ये भी कहा कि प्रशासन इस मुद्दे को लेकर गंभीर नहीं होती है तो उन्हें खुद इसके परिणाम भुगतने पड़ेंगे, क्योंकि गांव के लोगों की सहमति के बिना पुराने नियमों को बदलना किसान हितों में नहीं हैं। इलेक्ट्रिकल ग्रेड का प्राइवेटाइजेशन करना तो अंग्रेजों की ईस्ट इंडिया कंपनी जैसा है, जिसे यहां के स्थानीय लोग और किसान बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे। अगर उन्होंने 20 तारीख से पहले निर्णय नहीं लिया, तो किसानों द्वारा प्रदर्शन देखने को मिलेगा।
सुपरिटेंडेंट इंजीनियर ने दिया आश्वासन
इस प्रदर्शन की सूचना अधिकारियों को लगी तो तहसीलदार व सुपरिटेंडेंट इंजीनियर तुरंत मौके पर पहुंच जिसमें बूंदी के अधीक्षण अभियंता, तहसीलदार ने किसानों से फोन पर किसानों की बात सुनी और जयपुर के उच्च अधिकारियों तक उनकी मांग पर कार्रवाई करवाने का आश्वासन देकर उनका धरना खत्म कराया है।
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