Rail rakshak dal: राजस्थान में रेल यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए भजनलाल सरकार की ओर से बड़ा फैसला लिया गया है, जिसके तहत प्रदेश में रेल रक्षक दल का गठन किया गया है। यह टीम किसी भी रेल दुर्घटन स्थल पर 60 मीनट के अंदर पहुंचकर राहत और बचाव का कार्य शुरू करेगी। 

उत्तर पश्चिम रेलवे जोन पायलट प्रोजेक्ट के तहत हुआ गठन
बता दें कि इसका गठन देश में सबसे पहले उत्तर पश्चिम रेलवे जोन में पायलट प्रोजेक्ट के तहत किया गया है। इसके सफल होने पर इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा। इस संबंध में जोन के रेलवे अधिकारियों ने बताया कि पिछले कुछ सालों से ट्रेन हादसों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, जिसको देखते हुए राहत एवं बचाव कार्यों के लिए इस टीम का गठन किया गया है। इसके लिए भारतीय रेलवे ने एनडीआरएफ के सहयोग से विशेष रूप से प्रशिक्षित रेल रक्षक दल तैयार करने की पहल की है, खास बात यह है कि यह टीम 24 घंटे अलर्ट मोड पर रहेगी। 

इन 4 प्रमुख स्थानों तैनात रहेगा दल
रेलवे अधिकारियों ने आगे बताया कि रेल रक्षक दल को उत्तर पश्चिम रेलवे के 4 प्रमुख स्थानों पर तैनात किया गया है, जिससे दुर्घटना की स्थिति में वे जल्द से जल्द वहां पहुंच सकें। इसमें बांदीकुई (जयपुर मंडल), उदयपुर (अजमेर मंडल), लालगढ़ (बीकानेर मंडल) और मेड़ता रोड (जोधपुर मंडल) शामिल है। प्रत्येक दल में 10 प्रशिक्षित सदस्य मौजूद रहेंगे। इसमें 8 रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के जवान व 2 कैरिज एवं वैगन विभाग के तकनीकी कर्मचारी शामिल रहेंगे। 

ये भी पढ़ें:- Rajasthan Pearl King: नरेन्द्र सिंह गिरवा के सफलता की अनोखी कहानी, गलत टाइपिंग की वजह से बन गए पर्ल किंग

रेस्क्यू के लिए इस्तेमाल किए जाएंगे हाई-टेक उपकरण
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक रेल रक्षक दल को अत्याधुनिक उपकरणों से लैस किया जाएगा। आपदा स्थिति में इनकी मदद से तेजी से कार्रवाई की जा सकेंगी। गौरतलब है कि साल 2024 सितंबर में गांधीनगर रेलवे स्टेशन पर इन उपकरणों की प्रदर्शनी भी आयोजित की गई थी। 

यह है हाई-टेक उपकरणों की खास बात

1-  रेल डिब्बों में फंसे यात्रियों को बाहर निकालने के लिए हाई-पावर कटर व टेलिस्कोपिक सीढ़ियां का इस्तेमाल किया जाएगा। 

2- दुर्घटनाग्रस्त कोच को उठाने और बचाव कार्य के लिए  पोर्टेबल एयरबैग कंप्रेशन सिस्टम को यूज किया जाएगा। 

3- रात के समय रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए रिमोट एरिया लाइट सिस्टम का उपयोग होगा। 

4- घायलों को तुरंत प्राथमिक उपचार के लिए भी फर्स्ट एड किट और मेडिकल सपोर्ट प्रदान करने की पहल की गई है। 

5- बचाव दल के सदस्यों की सुरक्षा के लिए भी प्रोटेक्टिव गियर (हेलमेट, सेफ्टी शूज, कंबल, बैग आदि) का इस्तेमाल होगा। 

6- दल को न्यूनतम समय में घटनास्थल तक पहुंचाने के लिए तेज गति वाले विशेष वाहन का उपयोग होगा।