Horror Village Of Rajasthan: राजस्थान के चूरू जिले के एक गांव में लगभग 500 साल पहले एक ऐसी घटना हुई थी जिसको आज भी गांव के बुजुर्ग गांव की गुवाड़ में सुनाते हैं। यहां सात बहनों के श्राप की वजह से आज भी पानी खारा निकलता है। लोगों ने कई बार मीठे पानी की आस में कई बार बोरिंग खुदवाई लेकिन हर बार पानी खारा ही निकला। चूरू जिले में ऐसे कई क्षेत्र है जहां पर लूटपाट का डर लगा रहता है। दूधवाखारा नामक इस गांव के बुजुर्ग फूलाराम ने बताया कि उस समय जनसंख्या और संसाधन काफी कम थे, जिसमें बारात बैलगाड़ी, ऊंटगाड़ी औऱ हाथियों पर निकला करती थी। 

उस समय जिस गांव में बारात आती-जाती रहती थी तो सभी लोग मिलकर नाश्ते और खाने की व्यवस्था किया करते थे। एक लोक मान्यता के अनुसार लगभग 500 साल पहले रामगढ़ की 7 बहनों की शादी हिसार के युवकों से तय की कई थी। ससुराल पक्ष के लोगों द्वारा सात बहनों को रामगढ़ से वापस हिसार ले जा रहे थे, इस दौरान सभी दुल्हनों के दूल्हे और बाराती भी शामिल थे। 

लुटेरों का हमला 
माना जाता है उस समय लूटपाट की घटनाएं अक्सर राजस्थान के क्षेत्रों में  हुआ करती थी। दूधवाखारा से बारात लौटते समय ग्रामीणों ने बारातियों से अनुरोध किया था कि वे सभी नाश्ता पानी करके ही मैदान में ठहर जाऐ। जैसे ही सभी दुल्हे और बाराती नाश्ते के लिए मौदान में गए उसी समय लूट के इरादे से लुटेरों ने एक साथ सभी पर हमला कर दिया और सातों दूल्हों समेत बारातियों की हत्या कर सोना चांदी लेकर भाग गए।

जैसे ही सात बहनों को दूल्हों की हत्या की खबर मिली तो चारों तरफ कोहराम मच गया। सूचना मिलने के बाद सातों बहनों ने एक साथ आत्मदाह कर लिया था। साथ ही उन्होंने गांव को श्राप दिया था कि इस गांव में कभी भी मीठा पानी नहीं आएंगा। किवदंती है कि सातों बहनों के आत्मदाह के बाद जमीन के नीचे से सात विभिन्न पत्थर निकले थे। 

बताया जाता है कि जिस स्थान पर बारात ठहरी थी आज भी उस स्थान पर बारातियों के भी हाथी व घोड़ों के पदचिन्ह पत्थरों पर दिखाई देते है। इस घटना के बाद सातों बहनों के शक्ति मंदिरों का निर्माण कराया गया था। आज भी किसी शादी समारोह से पहले इन मंदिरों में चूड़ा व चूंदड़ी चढ़ाई जाती है।

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