India First Chip: दुनियाभर में चिप की समस्या के लेकर राहत की खबर सामने आई है, जिसमें राजस्थान का झुंझुनुं देश का पहला ऐसा शहर बना है, जो एलईडी सेमी कंडक्टर चिप बनाने में कामयाब हुआ है। इस चिप को बनाने की तैयारी 17 साल से केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान पिलानी में की जा रही थी। 

इस चिप को बनाने के लिए अपने बालों से पतले सोने के तारों का प्रयोग किया गया है, इन चिप में तारें को इस तरीके से लगाया गया है कि इसमें ये बालों से पतले सोने के तारो को बिना माइक्रोस्कोप के देख नहीं सकते और इसके प्रोडक्शन करने के लिए किसी कंपनी से MOU करने की तैयारी भी की जा रही है।

निदेशक ने दी चिप के रिसर्च की जानकारी

भारत की पहली चिप के बारे में व कैसे इसका निर्माण किया गया इस सभी प्रोसेस की जानकारी प्राप्त करने के लिए एक न्यूज चैनल इसके रिसर्च सेंटर पर पहुंचा था वहां उन्होंने रिसर्च के निदेशक डॉ. पीसी पंचारिया से अनुमति लेकर लैब में रिसर्च का हिस्सा बने। जहां वैज्ञानिक और टेक्नीशियंस की टीम से इस चिप से संबंधित रिसर्च पर जानकारी प्राप्त की। ये चिप दुनिया में अब तक केवल 5 ही देश बनाते है। जिनमें इसका पहला देश ताइवान है जो चिप बनाने में सबसे आगे हैं।

उसके बाद अमेरिका, चीन, दक्षिण कोरिया और जापान आते है जो ताइवान के बाद चिप बनाने के बाकि देशों से आगे हैं। साल 2000 2001 के बाद से आधुनिकता दौर शुरू हो गया था जिसके बाद कई अविष्कार भी होने लगें। धीरे धीरे मोबाइल फोन जैसे डिवाइस को भी बनाना आरंभ कर दिया। इस आधुनिकता के दौर में टीवी, मोबाइल ओर भी कई इलेक्ट्रोनिक डिवाइस के हिस्सों में चिप का उपयोग करने लगे जो एक इन डिवाइस का एक जरूरी हिस्सा बन गया है।

भारत बना 6 चिप बनाने वाला देश 

इस तरह की चिप को बनाने के लिए भारत अभी तक केवल ताइवान, अमेरिका जैसे देशों पर ही निर्भर था। इन देशों पर निर्भर होने की वजह से 2007 में सीरी ने स्वंय इस तरह की चिप को बनाने की पहल की। जिसका प्रस्ताव सीरी ने केंद्र सरकार को भेजा जिससे उनको अनुमति के साथ ही बजट भी मिल गया। जिसमें स्वदेशी एलईडी सेमी कंडक्टर चिप के लिए लैब में इस पर रिसर्च करना शुरू कर दिया।

इसको रिसर्च करते 17 साल हो गए अब जाकर इसमें सफलता मिली हैं। सफलता मिलते ही ताइवान, अमेरिका, चीन, दक्षिण कोरिया और जापान के बाद भारत एक ऐसा देश बना जिसने बाल से पतले तारों की चिप बनाने में सफलता प्राप्त की हैं।।

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