India First IRAD Counter: देश में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए राजस्थान के झालावाड़ प्रशासन ने एक अनूठी तकनीकी पहल की शुरुआत है। इसके तहत सड़क दुर्घटनाओं में घायल तथा प्रभावित परिवारों के लिए एक सुलभ माध्यम उपलब्ध कराएगा। कल शुक्रवार 17 जनवरी 2025 को झालावाड़ के एसआरजी चिकित्सालय की नवनिर्मित आपातकालीन वार्ड में देश के पहले आई रेड काउंटर का शुभारंभ किया गया, जिसका उद्घाटन जिला कलेक्टर अजय सिंह राठौड़ के द्वारा किया गया।

इस काउंटर के खुल जाने से दुर्घटना में घायल लोगों की समस्त जानकारी और रियल टाइम स्टेटस से संबंधित सभी सूचना ‘आईरेड एप’ के माध्यम से एक जगह संकलित हो जाएगी। इससे लोगों को संबंधित विभागों की सभी प्रकार की प्रशासनिक सूचनाएं, सेवाएं तथा प्रक्रियात्मक आवश्यकताओं का रियल टाइम डाटा उपलब्ध हो जाएगा।

जानें क्या है ‘आईरेड एप’  

झालावाड़ के जिला कलेक्टर अजय सिंह राठौड़ ने इस ‘आईरेड एप’ की उपयोगिता के बारे में आम लोगों के साथ साझा की। उन्होंने बताया कि ‘आईरेड एप’ सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की द्वारा संचालित एक मोबाइल एप प्रोग्राम है। जिसका उद्देश्य जिले में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाना है। ‘आईरेड एप’ के माध्यम से सार्वजनिक निर्माण विभाग, एनएचएआई, रिडकोर, पुलिस विभाग, स्वास्थ्य विभाग तथा परिवहन विभाग को एक जगह लाकर इंटीग्रेट किया गया है।

इस प्रकार दुर्घटना में घायल अथवा मृत व्यक्ति के बारे में सभी प्रकार की संबंधित सभी विभागों की रियल टाइम जानकारी एक ही स्थान पर मिल जाएगी। जिससे किसी भी प्रकार के मेडिकल क्लेम तथा बीमा क्लेम की सुविधा डिजिटल तरीके से आसान हो जाएगी। इसके साथ ही गंभीर रूप से घायल रोगी के उपचार की सभी जानकारी इस ‘आईरेड एप’ पर उपलब्ध होगी। ताकी किसी भी प्रकार के अन्य चिकित्सालय में रेफर केस अथवा मृत्यु हो जाने की स्थिति में पोस्टमार्टम सहित समस्त मेडिकल डाटा अपलोड होगा।  

अन्य सुविधाओं को जोड़ने की योजना

जिला कलेक्टर के अनुसार इस ‘आईरेड एप’ में कई अन्य योजनाओं को भी जोड़ने की योजना है, जिसमें पीएम कैशलेस ट्रीटमेंट स्कीम, हिट एंड रन दुर्घटनाओं के आंकड़े, बीमा रहित वाहनों का डाटा, दुर्घटना में पीड़ित को क्लेम सेटलमेंट प्रक्रिया की जानकारी उपलब्ध कराना। आमजनों को इस ‘आईरेड एप’ के बारे में जागरूक करने के अभियान चलाए जाएंगे।

‘आईरेड एप’ से दुर्घटनाओं पर लगेगी लगाम

यह एप मुख्तयः चार चरणों में दुर्घटना पीड़ित के लिए विभागीय काम करेगा-

1- पुलिस विभाग का कार्य: दुर्घटना की सूचना पर आईओ मौका मुआयना कर दुर्घटना कब, कहां, कैसे, क्यों हुई उसके चित्र, वीडियो, वाहन, चालक, यात्री इत्यादि की सूचनाएं एसएचओ को सौंपेगा। एसएचओ मामले की समीक्षा कर एफआईआर को अपडेट करने के साथ अन्य संबंधित विभागों परिवहन, राजमार्ग तथा स्वास्थ्य विभाग को सूचित करेगा।

2- परिवहन विभाग का कार्य: एफआईआर मिलने के बाद परिवहन विभाग एमवीआई दुर्घटनाग्रस्त वाहन की जांच करेगा और ‘आईरेड एप’ पर विवरण को अपडेट कर देगा।

3- PWD, NHAI, RSRDC, LSG तथा रिडकोर के कार्य: पीडब्ल्यूडी इंजीनियर दुर्घटनास्थल की जांच करेगा, ‘आईरेड एप’ में विवरण अपडेट कर संबंधित एसएचओ को दुर्घटना स्थल जांच के लिए अनुरोधों का जवाब देगा।

4- स्वास्थ्य विभाग के कार्य: जिला चिकित्सालय में सभी दुर्घटनाओं का एक डाटा सेंटर होगा, समस्त चिकित्सालयों को सड़क दुर्घटनाओं का डाटा संग्रह कर ‘आईरेड एप’ पर पंजीकरण कराना होगा। इन सभी पंजीकरणों को जिला प्रशासन तथा नोडल अधिकारी ‘आईरेड एप’ पर ही चिकित्सालयों के पंजीकरण को स्वीकृति प्रदान करेंगे।

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