Cheetah Corridor: राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण द्वारा जल्द देश का सबसे बड़ा चीता कॉरिडोर बनाया जाएगा। राजस्थान, मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश को मिलाकर यह कॉरिडोर तैयार किया जाएगा। इसके लिए विभाग की ओर से एक्शन प्लान भी तैयार किया जा चुका है। 17 हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में बनने वाले इस चीता कॉरिडोर में राजस्थान का कुल 6500 वर्ग किलोमीटर का हिस्सा रहेगा। 

राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के एक्शन प्लान के अनुसार भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून ने चीतों के स्वच्छंद विचरण के लिए अनुकूल आश्रय स्थल का वैज्ञानिक मापदंडों के मुताबिक आकलन किया जाएगा। जिसके बाद कूनो-गांधीसागर लैंडस्केप का निर्धारण किया जाएगा। 

राजस्थान के इन जिलों को किया जाएगा शामिल 
बता दें कि देश के सबसे बड़े चीता कॉरिडोर में राजस्थान के बारां, सवाई माधोपुर, झालावाड़, चित्तौड़गढ़, करौली, बूंदी और कोटा जिले शामिल होंगे। इसके साथ ही प्रदेश के वन और वन्यजीव संरक्षित क्षेत्रों को भी इसमें शामिल किया गया है। 

वन मंत्री ने दी जानकारी 
चीता कॉरिडोर के संबंध में मंगलवार को विधानसभा में निर्दलीय चंद्रभान सिंह चौहान के सवाल पर लिखित जवाब देते हुए वन मंत्री ने जानकारी दी। वहीं चीता संरक्षण क्षेत्र में शामिल होने वाले गांवों का पुनर्वास किया जाना अभी प्रस्तावित नहीं हुआ है। 

एमपी व यूपी के इन जिलों को किया जाएगा शामिल
बता दें कि मध्यप्रदेश का कुल 10 हजार 500 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र इस कॉरिडोर में शामिल किया जाएगा। साथी हा एमपी के के श्योपुर, शिवपुरी, ग्वालियर, मुरैना, अशोकनगर, गुना, नीमच, मंदसौर जिले इसमें शामिल होगें। साथ ही यूपी के झांसी और ललितपुर का वन्य क्षेत्र में कॉरिडोर में शामिल किया जाएगा।

जानें क्या होता है कॉरिडोर?
वन्य जीवों द्वारा एक इलाके से दूसरे इलाके में जाने के लिए जिस रास्ते का बार-बार इस्तेमाल किया जाता है उसे कॉरिडोर कहते है। इससे वन्यजीवों और इंसानों को किसी प्रकार का खतरा नहीं होता है। जंगलों के बीच वन विभाग और वन्यजीव अपना कॉरिडोर खुद बनाते है।

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