Rajasthan Luxurious Hotel: जयपुर का रामबाग पैलेस ऐतिहासिक इमारत नहीं है बल्कि यह शाही भव्यता और वास्तुकला का एक जीता जागता उदाहरण है। यह महल पहले जयपुर के महाराज का शाही निवास हुआ करता था लेकिन आज यह ताज होटल ग्रुप के प्रबंधन में एक होटल में बदल दिया गया है। रामबाग पैलेस को जयपुर के रत्न के रूप में जाना जाता है। 

रामबाग पैलेस का ऐतिहासिक विकास 

रामबाग पैलेस को 1835 में बनवाया गया था। इसका निर्माण राजकुमार राम सिंह द्वितीय द्वारा किया गया था । 1887 में महाराज ठाकुर सवाई माधो सिंह ने इस जगह को शाही शिकारगाह के रूप में दोबारा तैयार किया। हालांकि 20वीं सदी की शुरुआत तक शिकारगाह रामबाग पैलेस के रूप में तब्दील नहीं हुआ था। सर सैमुअल स्विंटन जैकब , जो कि अपने इंडो सरसैनिक डिजाइनों के लिए जाने जाते थे के मार्गदर्शन में महल का विस्तार किया गया। 1931 तक आते आते महाराजा सवाई मानसिंह द्वितीय ने इसे अपना निवास घोषित कर दिया। 

प्रेम से भी जुड़ी है एक कड़ी 

महाराजा माधव सिंह द्वितीय की तीसरी पत्नी महारानी गायत्री देवी कूच  बिहार के शाही परिवार की बेटी थी। वे इतनी खूबसूरत थी कि उनका नाम दुनिया की 10 खूबसूरत औरतों में गिना जाता था। उनका जन्म लंदन में हुआ था। उनकी शिक्षा विदेश में ही हुई। महाराजा माधो सिंह द्वितीय से उनकी मुलाकात 12 साल की उम्र में एक घुड़दौड़ के दौरान हुई थी। राजकुमारी तुरंत ही उन पर मोहित हो गई थी और सालों बाद 1940 में उनका रिश्ता विवाह में बदल गया। 

रामबाग पैलेस एक लग्जरी होटल 

वर्तमान में यह पैलेस एक होटल के रूप में बदल दिया गया है। 1987 से इस पैलेस को ताज होटल समूह द्वारा पांच सितारा हेरिटेज के रूप में संचालित किया जा रहा है। यह महल अपने शाही अतीत की खूबसूरती बरकरार रखता है। आज भी मेहमानों का स्वागत ऐसे सुइट्स में किया जाता है जो अपना शाही आकर्षण पहले जैसा ही बिखरते हैं। इस महल में 79 से भी ज्यादा कमरे हैं। आपको बता दे कि यहां एक रात ठहरने का किराया ₹100000 से भी अधिक होता है।

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