Jaipur Doll Museum: अगर इस ठंड के मौसम में घूमने का प्लान कर रहे हैं, तो जयपुर सिटी सबसे बेहतरीन बिकल्प हो सकता है। यहां घूमने के लिए बहुत सारे पर्यटन स्थल हैं। ऐसा ही एक स्थल डॉल म्यूजियम है, जो राजस्थान के पिंक सिटी जयपुर में स्थित है। इस म्यूजियम में गुड़िया के मदद से अलग अलग देश और धर्म संप्रदाय की संस्कृति को दर्शाया गया है। तो जानते हैं इस अनोखी संग्रहालय से जुड़ी तथ्यों के बारे में।
आपको बता दें कि गुड़िया संग्राहलय का उद्घाटन 7 अप्रैल 1979 में राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री भैरोंसिंह शेखावत ने किया था। इसे जयपुर के जवाहरलाल नेहरू मार्ग पर स्थित सेठ आनंदी लाल पोद्दार मूक बधिर स्कूल परिसर में बनाया गया था। इसे गुड़िया घर के नाम से भी जाना जाता है। इस म्यूजियम में रखी गुड़ियों की बनावट, सजावट, चेहरे की आकृति कई अलग अलग देश की संस्कृति, कला, वेशभूषा और चेहरों का परिचय को दर्शाता है।
गुड़िया घर बनाने का उद्देश्य
दरअसल इस म्यूजियम की आधारशिला 7 दिसंबर 1974 को कांति कुमार पोद्दार ने रखी थी, जो एक प्रधानाध्यापक थीं। इसे बनबाने का उद्देश्य था स्कूल में पढ़ रहे बच्चों को एक साथ सभी देश विदेश की संस्कृति की जानकारियां प्राप्त करवाना। लेकिन इनका यह मकसद कुछ साल बाद बंद हो गया। लेकिन इसे फिर से बेहतर ढंग से बनबाने का कार्य राजस्थान के तत्कालीन मुख्यमंत्री ने किया था। इस म्यूजियम में 40 देशों की 500 से ज्यादा डॉल्स मौजूद है, जो अपनी संस्कृति का पर्दशन करती है। इन गुड़ियों की बनावट, सजावट, चेहरे की आकृति अपने अपने देश और समुदाय की संस्कृति को दर्शाता है।
बता दें कि इस अनोखी संग्राहलय को 2014 में राजस्थान सरकार द्वारा ट्यूरिसट प्लेस के रूप में घोषित किया गया है। इसे पहले यह सिर्फ जयपुर के पर्यटक स्थल था। वर्तमान समय में यह देश से लेकर विदेश तक फेमस पर्यटन स्थल के रूप में जानी जाती है। अभी यहां हर रोज हजारों के संख्या में सैलानियां भ्रमण के लिए आते हैं। अगर आप भी पिंक सिटी जाने का मन बना रहे हैं, तो एक बार इस अनोखी गुड़िया घर का सैर जरूर करें। क्योंकि यहां आपको एक साथ कई देश की संस्कृति को दिखाई देगा।
इन देशों के डॉल्स हैं मौजूद
इस म्यूजियम में नई-पुरानी कई सारे डॉल्स हैं, जो जापान, ब्रिटेन,अमेरिका,अरब, स्वीडन, स्विटज़रलैंड, मिस्र,अफगानिस्तान, ईरान,बल्गारिया, स्पेन, डेनमार्क, मेक्सिको, जर्मनी, आयरलैण्ड, ग्रीस,जैसे देशों की डॉल विभिन्न वेशभूषा से सजी हुई है। वहीं भारत की बात की जाए, तो यहां पर अलग-अलग राज्यों की सांस्कृतिक झलक गुड़िया में मौजूद दिखाई देती हैं।
इसके साथ राजस्थान की पारंपरिक कठपुतलियां भी मौजूद हैं। यहां महाराष्ट्र, तमिलनाडु, बंगाल, बिहार के संथाल, नागालैण्ड, आसाम,आदि राज्यों के स्त्री-पुरुषों के वस्त्र में सजी-धजी गुड़ियां रखी हुई दिखाई देती हैं। यहां रखी कुछ गुड़ियाएं विभिन्न व्यावसायिक जातियों के स्त्री-पुरुषों भी हैं, जैसे कि मछियारिन सपेरा। वहीं यहां पर कुछ कार्टून और सुपरहीरो कैरेक्टर्स की डॉल्स भी दिखाई देती हैं।
म्यूजियम खुलने का समय और एंट्री फीस
इस संग्राहलय का खुलने का समय सुबह 10:00 बजे से शाम के 5:30 बजे तक है। यहां प्रवेश करने के लिए बच्चों के 10 रु की टिकट और व्यस्क व्यक्ति के लिए 20 रु का टिकट लगता है।