Jaipur Government Engineering College: जयपुर के पहले और एकमात्र सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज पर संकट मंडराने लगाता है। दो साल पहले स्थापित किए गए इस कॉलेज को अब राजधानी जयपुर से दूदू शिफ्ट करने की तैयारी की जा रही है। इस मामले में तकनीकी शिक्षा विभाग की ओर से जिला कलक्टर को पत्र लिखा गया है। पत्र में विभाग ने कहा है कि बजट में घोषित जयपुर इंजीनियरिंग कॉलेज के लिए दूदू विधानसभा क्षेत्र में भूमि देखी जाएं। पत्र के बाद जिला प्रशासन द्वारा दूदू में जमीन ढूढ़ंने का कार्य शुरू कर दिया है। 

गौरतलब है कि दो साल पहले कांग्रेस सरकार की ओर से बजट में जयपुर के सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज के निर्माण के लिए 100 करोड़ रुपए खर्च करने की बात की गई थी। दो वर्ष पहले कॉलेज का संचालन खेतान पॉलिटेक्निक कॉलेज परिसर से शुरू कर दिया गया था लेकिन आज तक इस कॉलेज के लिए भवन नहीं बन पाया। 

छात्रों की पहली प्राथमिकता है जयपुर 

राजधानी होने के बावजूद जयपुर में एक भी सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज नही था। प्रदेश के कई जिलों नें सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज मौजूद है। जयपुर में कई निजी कॉलेज है जहां इंजीनियरिंग की पढ़ाई होती है। ऐसे में प्रदेश के बाहर से आए छात्रों की पहली प्राथमिकता जयपुर होती है। 

इतनी कम जगह में कॉलेज बनाना संभव नहीं

विभाग द्वारा लिखे गए पत्र में तर्क दिया गया है कि कॉलेज निर्माण के लिए लगभग ढाई एकड़ जमीन स्वीकृत की है। ऐसे में इंजीनियरिंग कॉलेज को खेतान पॉलिटेक्निक कॉलेज परिसर में बनाना संभव नहीं है। एआईसीटीई, नई दिल्ली के मापदंड के मुताबिक इंजीनियरिंग कॉलेज के लिए 7.5 एकड़ भूमि की जरूरत होती है।

इसके लिए दूदू क्षेत्र में जमीन का जयन किया जाएं। ऐसे में विभाग पर सवाल उठता है कि जब दो साल पहले खेतान पॉलिटेक्निक कॉलेज परिसर में कॉलेज के लिए भूमि स्वीकृत की गई थी तब विभाग द्वारा ही इन मापदंड़ो को गलत क्यों बताया गया था। 

कॉलेज शिफ्ट से शुरू हुआ छात्र विरोध

बता दें कि तकनीकी शिक्षा विभाग ने रीप प्रक्रिया के तहत छात्रों के मेरिट के आधार पर प्रवेश ले लिए है। फिलहाल इस कॉलेज में 300 छात्र पढ़ रहे है। ऐसे में अचानक सरकार कॉलेज को दूदू में शिफ्ट करना चाहती है। कॉलेज के शिफ्ट होने की खबर से छात्रों का विरोध शुरू हो गया है।

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