Jaipur Crime 2024 List: राजस्थान के पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने दावा किया है कि बीते साल 2024 में IPC (Indian Penal code) और BNS (Bharatiya Nyaya Sanhita) के तहत अपराधों में कमी देखी गई है। 2024 के अपराधों की लिस्ट जारी हुई थी। इस पर राजस्थान के पुलिस कमिश्नर ने बोला कि अपराधों में कमी आई है।

साथ ही ओर भी लगाम कसने की कोशिश बरकरार है। इसके अलावा उन्होंने साइबर क्राइम, गाड़ी चोरी जैसे अपराधों पर चिंता दिखाई है। जयपुर में 2024 के कई वारदातें देखने को मिली, जिसमें नाहरगढ़ पहाड़ी से लापता युवक का पता नहीं लगाया गया है। इस गुत्थी को अभी भी नहीं सुलझाया गया है।

SC-ST के साथ हुए अपराध में कमी

जयपुर पुलिस कमिश्नरेट ने बीते 2024 में हुए सभी अपराधों की लिस्ट जारी की। जयपुर के पुलिस कमिश्नर जोसफ ने प्रेस के सामने अभी अपराधों का आंकड़ा दिया। आंकड़े में देखा गया कि महिलाओं, अनुसूचित जाति और जनजाति के साथ हुए अपराधों में कमी आई है। साथ ही अपहरण, बलात्कार, चोरी-डकैती, लूटमार में भी 2024 में कमी आई है। लेकिन साइबर क्राइम के केस अभी भी बढ़ रहे हैं, जो चिंता की बात बनी हुई है। 

2024 में हुए सभी अपराधों की लिस्ट

साल 2023 की तुलना में 2024 में लगभग 8 प्रतिशत की कमी देखी गई। सभी मामले IPC और BNS से जुड़े हुए थे। सभी अलग अलग केस की बात करें तो लिस्ट इस प्रकार है-

1. हत्या की कोशिश में 11% की कमी
2. दुष्कर्मों तथा अपहरण के केसों में 1-1% की कमी
3. हत्या के केस में 26% की कमी
4. चोरी के केस में 15% की कमी
5. दोपहिया और चारपहिया वाहन चोरी के केसों में 16 तथा 12% की कमी
6. लूट के केस में 18% की कमी
7. चैन छीनने के केस में 14% की कमी
8. मोबाइल तथा पर्स चोरी के अपराधों में 7% की कमी
9. अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के अपराधों में 15 तथा 7% की कमी
10. फायरिंग जैसे अपराधों में 59% की कमी

साइबर अपराधों से जुड़े मामले

पुलिस कमिश्नर से प्राप्त जानकारी में साइबर अपराधों में पुलिस ने 44 करोड़ 97 लाख रुपयों को फ्रीज किया गया तथा 12 करोड़ 37 लाख से ज्यादा की रकम को रिफंड कराया गया। 5 करोड़ से ज्यादा की रकम के फोन प्राप्त हुए और उन्हें उनके मालिकों तक पहुंचाया गया। 150 से ज्यादा साइबर अपराधियों को जेल में बंद किया गया। पुलिस का मानना है कि उन्होंने बीते साल 2024 में निरोधात्मक कारवाई में बढ़ोतरी की है, लेकिन कुछ अपराध जैसे साइबर क्राइम, सांप्रदायिक हिंसा जैसे घटनाओं में लगातार बढ़ोतरी देखी गई है।

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