Jaipur BRTS Corridor: जयपुर के BRTS कॉरिडोर को हटाने के लिए नगरीय विकास विभाग ने स्वीकृति दे दी है। पहले इसके लिए वित्त विभाग से प्रस्ताव भेजकर स्वीकृति मांगी गई थी, जिसकी अनुमति मिल गई। अब JDA इस कॉरिडोर को हटाने के लिए प्रक्रिया शुरू करेगा। 

इस प्रोजेक्ट की शुरुवात केंद्र सरकार की फंडिंग से की गई है, जिसमें कुल लागत का 50 प्रतिशत हिस्सा वहन किया जा चुका है। बजट में भी इस प्रोजेक्ट की घोषणा की गई थी। सूत्रों से पता चला है कि विभाग ने अपने स्तर पर तो स्वीकृति दे दी है, लेकिन केंद्र सरकार से इसके लिए अभी आधिकारिक स्वीकृति नहीं ली गई है। माना जा रहा है कि केंद्र सरकार रिकवरी कर सकती है। 

क्यों फेल हुआ कॉरिडोर 

JNNURM (जवाहरलाल नेहरू नेशनल अर्बन रिन्यूवल मिशन) के अंतर्गत 100 बसें दी गई थी और कॉरिडोर में केवल BRTS बसों का ही संचालन होता था। बसों का संचालन पूर्ण रूप से कॉरिडोर में होना था, लेकिन प्रदेश सरकार ने जिले के अन्य रूट पर भी इन बसों का संचालन शुरू कर दिया। जिसके बाद कॉरिडोर में नियमित रूप और नियमित अवधि के बसों का संचालन नहीं हो सका। इस सब के बाद नतीजा यह निकला कि कॉरिडोर की मूल भावना ही खत्म होने लगी। कॉरिडोर को टुकड़ों में निर्मित करने से उसकी उपयोगिता ज्यादा नहीं रही। 

कहां है यह कॉरिडोर

1. सीकर रोड पर एक्सप्रेसवे से अंबाबाड़ी तक कॉरिडोर। जो 7.1 किलोमीटर लंबाई का है और इसका निर्माण 2010 में 75 करोड़ रुपए शुरू हुआ था।

2. अजमेर रोड से किसान धर्मकांटा होते हुए न्यू सांगानेर रोड (B-2 बाईपास तिराहा) तक कॉरिडोर, यह कॉरिडोर 9 किलोमीटर लंबा है और इसका संचालन 2015 में 95 करोड़ रुपए से हुआ था। 

3. अजमेर पुलिया से अजमेर रोड चुंगी के आगे से बनाए गए एलिवेटेड रोड में भी BRTS कॉरिडोर के लिए स्वीकृति धनराशि का उपयोग हुआ।

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