Khajuraho of Rajasthan:  राजस्थान के गौरवशाली अतीत का एक परित्यक्त अवशेष किराडू अब वीरान हो चुका है। बाड़मेर से लगभग 40 किलोमीटर दूर यह गांव 'राजस्थान का खजुराहो' के नाम से मशहूर है। लेकिन अब यह गांव आखिरकार वह पहचान पाने जा रहा है जिसका वह लंबे समय से हकदार था। किंवदंतियों से अभिशप्त, आक्रमणों से तबाह यह गांव अब बदलाव की ओर बढ़ रहा है।

वीरान पड़ा गांव 

11वीं शताब्दी के दक्षिण भारतीय शैली के मंदिरों के लिए जाना जाने वाला, किराडू की मूर्तिकला खजुराहो से कम नहीं लगती। इतिहासकारों के मुताबिक यह क्षेत्र 12वीं शताब्दी में ही वीरान हो गया था। कथित तौर पर अलाउद्दीन खिलजी के आक्रमण और एक संत के श्राप के कारण कहा जाता है कि यह गांव वीरान हुआ। भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं ने किराडू को एक भूतहा शहर में बदल दिया।

राम मंदिर का उद्घाटन एक नई शुरुआत 

राम मंदिर के उद्घाटन ने अब किराडू में बदलाव की उम्मीद जगाई है। यह एक ऐसा कदम है जिसने लोगों के अंदर वापस से रुचि जगा दी है।  सार्वजनिक परामर्श के बाद इसे राजस्व गांव भी घोषित कर दिया गया है। पंचायत समिति के प्रस्ताव के बाद सरकार का लक्ष्य बुनियादी ढांचे को विकसित करना साथ ही पर्यटन सुविधाओं और विरासत को बढ़ावा देना है।
अब पंचायत समिति मुख्यालय स्थापित होने के बाद किराडू में स्वच्छता के साथ-साथ सड़कों और पर्यटन के बुनियादी ढांचे में निवेश होने की उम्मीद है।

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