Khatushyam Lakkhi Mela 2025 : बाबा खाटू श्याम के जन्मदिन के अवसर पर राजस्थान के सीकर जिले स्थित बाबा खाटू श्याम मंदिर में मेले का आयोजन किया जाता है। जिसको खाटू श्याम लिक्खी मेले के नाम से जाना जाता है। मेला 28 फरवरी 2025 से शुरू होकर 11 मार्च तक चलेगा। इस बार इस मेले में 10 से ज्यादा देशों के श्रद्धालु पहुंचेंगे। देश के हर कौन से हजारों की संख्या में पदयात्रा खाटू नरेश पहुंचेगी। 

मेले में बढ़ती श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए सुरक्षा की दृष्टि से तैयारियां जोरों पर है। बाबा श्याम के वार्षिक लक्खी मेले को देखते हुए प्रशासन सख्त हो गया है। , इत्र, गुलाब के फूलों को लेकर भी नए नियम लागू किए गए है। पदयात्रा करने वाले पद यात्रियों के लिए नया रास्ता बनाया जा रहा है । जयपुर से रिंगस तक हाईवे के किनारे पदयात्रियों के लिए रास्ता बनाया जा रहा है जिससे पदयात्री सुरक्षित पहुंचे। 

48 किलोमीटर लंबा पाथवे यात्रा हुआ सुरक्षित 

खाटू श्याम मेले में जाने के लिए सबसे ज्यादा पदयात्रा जयपुर पहुंचती है। पदयात्रियों को जयपुर के रिंगस में हैवी ट्रैफिक का सामना करना पड़ता है। हर साल कोई एक्सीडेंट भी होते हैं। इस बार यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया पदयात्रियों के लिए अलग पाथवे बना रहा है। ये पाथवे जयपुर से रिंगस तक बन रहा है। पथरी 48 किलोमीटर लंबा और 10 फीट चौड़ा होगा।

खाटूश्याम भक्तों के लिए नया गाइडलाइन

1. निशान इत्र गुलाब के लिए नए नियम 

मंदिर में इत्र की सीसी चढ़ने वालों के ऊपर बैन लगाया गया है। वही निशान की बात कर तो 8 फीट से ज्यादा ऊंचाई हो नहीं होनी चाहिए अन्यथा कार्रवाई की जाएगी। छोटी कांच की सीसी, काटे वाले गुलाब के फूल और इत्र की कांच वाली शीशी बेचने पर कारवाई की जाएगी। वही भंडारे लगाने का भी समय सीमा तय किया जाएगा।

2. वीआईपी दर्शन हुए बंद

इस बार वीआईपी दर्शन सरकारी प्रोटोकॉल वाले ही कर सकेंगे। श्रद्धालुओं को दर्शन में कोई परेशानी ना हो इसके लिए कर कोड जारी किया जाएगा। क्यूआर कोड स्कैन कर श्रद्धालु मंदिर तक आसानी से पहुंच सकेंगे। धारा 144 के तहत रिंगस रोड से डीजे बजाना पूरी तरह से प्रतिबंधित है। 

3. 17 किलोमीटर तक कारपेट बिछाया जाएगा

रिंगस से खाटू तक 17 किलोमीटर लंबा कारपेट बिछाया जाएगा। लाइनों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। पहले की तरह 14 लाइनों से दर्शन कराया जाएगा। जल्द ही मंदिर कमेटी अपने सोशल मीडिया पिज़्ज़ा वेबसाइट ओके माध्यम से दर्शन की जानकारी शेयर करेंगी। वही ई रिक्शा और पद यात्रियों के लिए अलग रास्ते होंगे।