Kota Police Action: देश के अलग-अलग राज्यों से छात्र हर साल राजस्थान के कोटा शहर में पहुंचते हैं। यहां के कोचिंग संस्थानों में बड़ी संख्या में छात्र मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश की तैयारी के लिए दाखिला लेते हैं। हालांकि, हाल के दिनों में कोटा शहर में छात्रों की संख्या में कमी देखी जा रही है। इसके पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं। इनमें छात्रों की आत्महत्या के मामले, छात्रों का मानसिक उत्पीड़न आदि शामिल हैं।

जानकारी हो कि मौजूदा राजस्थान की सरकार कोटा को एक बार फिर वैश्विक प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी का केंद्र बनाने की दिशा में काम करती नजर आ रही है। इसी कड़ी में कोटा विज्ञान नगर थाने से कड़ी कार्रवाई की खबर मिली है। इसमें कोचिंग में एडमिशन लिए बिना कोटा में रहने वाले लड़कों का इतिहास खंगाला जा रहा है।

आपराध में संलिप्त लड़कों पर प्रशासन की नजर

आपको बता दें कि पिछले कुछ सालों में कोटा शहर में आपराधिक वारदातों के कई मामले सामने आए हैं। जिसमें देखने में आया है कि यहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों को कोटा के कोचिंग संस्थानों में न पढ़ने वाले बदमाश लड़कों द्वारा परेशान किया जा रहा है। जिससे विद्यार्थी मानसिक प्रताड़ना आदि का शिकार हुए हैं।

इसके अलावा ऐसे मामले भी सामने आए हैं जिनमें मारपीट तक की गई। जांच में सामने आया कि इस वारदात को उन लड़कों की मिलीभगत से अंजाम दिया गया जो सालों पहले कोटा में पढ़ाई करने आए थे। निम्न कारणों से वे इस शहर में रह रहे हैं और यहां के विद्यार्थियों के बीच झगड़े की स्थिति को जन्म देते हैं।

विज्ञान नगर थाना प्रभारी मुकेश मीना की मानें तो ऐसे कई बदमाश लड़कों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामले दर्ज किए गए हैं। उनके मुताबिक, फिलहाल ऐसे बदमाश लड़कों को चिन्हित करने का काम चल रहा है। जल्द ही उनके अभिभावकों से संपर्क कर उन्हें शहर से भेजने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

डर के साये में जी रहे कोटा के छात्र

कोटा हॉस्टल एसोसिएशन के अध्यक्ष नवीन मित्तल ने कई चौंकाने वाली बातें कही हैं। इनमें यहां के कोचिंग संस्थानों और स्कूल-कॉलेजों में न पढ़ने वाले लड़कों द्वारा की गई गैर आपराधिक घटनाएं भी शामिल हैं। नवीन मित्तल के मुताबिक कोटा में बड़ी संख्या में ऐसे लड़के हैं, जो यहां के कोचिंग संस्थानों और स्कूल-कॉलेजों में नहीं पढ़ रहे हैं। इसके बावजूद वे लंबे समय से कोटा में डेरा जमाए हुए हैं। इनमें से कई आपराधिक पृष्ठभूमि वाले लड़के हैं, जो इन दिनों यहां पढ़ने वाले छात्रों को परेशान कर रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि हाल के दिनों में आपराधिक पृष्ठभूमि वाले इन लड़कों का प्रभाव इतना बढ़ गया है कि वर्तमान में कोचिंग में पढ़ने वाले छात्रों में खतरे का भय बना रहता है। नवीन मित्तल ने अंत में कहा कि मैंने पहले ही स्थानीय प्रशासन और पुलिस से इस संबंध में कार्रवाई की मांग की थी।

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