Rajasthan contract employees: महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा ) के अंतर्गत काम कर रहे संविदा कर्मचारियों को पिछले 6 महीनें से सैलेरी नहीं दी गई है। गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहे कर्मचारियों की परेशानी का अंदाजा लगाना भी कठिन है।
बिना वेतन के कैसे मनाएं त्योहार?
बिना वेतन के दशहरा, दीपावली और शिवरात्रि जैसे बड़ त्योहार बेमज़ा लगते है। कुछ ही दिनों में होली है, लेकिन कर्मचारियों की आर्थिक परेशानियां खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है। कर्मचारियों सवाल पूछ रहे है कि क्यां उन्हें होली तक उनका बकाया वेतन मिल पाएगा। क्या वे इस साल सही तरीके से होली मना पाएंगे।
ये भी पढ़ें:- Rajasthan Budget 2025: वित्तमंत्री दीया कुमारी की ने बड़ी घोषणा, जिसमें मां योजना के तहत अब होगा स्किन ट्रांसप्लांट
जानें क्या है पूरा मामला?
महात्मा गांधी नरेगा संविदा कार्मिक संघ के बैनत तले देलवाड़ा ब्लॉक के संविदा कर्मचारियों द्वारा पंचायत समिति के विकास अधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा गया है। जिसमें लिखा है कि वे पिछले 6 महीने से इस उम्मीद में है कि एक दिन उन्हें उनका बकाया मिलेगा लेकिन यह उम्मीद हर दिन टूटती जा रही है। कर्मचारियों ने बताया कि अब तक कुल 128 संविदा कर्मियों को उनका वेतन नहीं दिया गया है। साथ ही विभिन्न पदों पर कार्यरत लोग भी इसमें शामिल हैं। जैसे ग्राम रोजगार सहायक, लेखा सहायक, डाटा एंट्री सहायक, कनिष्ठ तकनीकी सहायक और अन्य संविदा कर्मचारी।
ये है परेशानी का मुख्य कारण
इस पूरी परेशानी का मुख्य कारण है एसएनए (सिंगल नोडल अकाउंट) पोर्टल, जो सुचारू रूप से काम नहीं कर रहा है। कर्मचारियों ने बताया कि उनका मानदेय अगस्त 2024 से बकाया है और यह पोर्टल सही तरीके से काम भी नहीं करता है। इसी कारण से उन्होंने अधिकारियों से अपील की है कि जब तक नरेगा का यह पोर्टल ठीक नहीं हो जाता, तब तक पुराने पोर्टल के माध्यम से भुगतान किया जाना चाहिए।
क्या होली से पहले मिलेगा वेतन?
संविदा कर्मचारियों की ओर से पंचायत समिति के विकास अधिकारी को सौंपे गए ज्ञापन में लिखा है कि उनकी मांग है कि होली से पहले उन्हें उनका बकाया मिल जाएं। कर्मचारियों द्वारा पुरानी प्रणाली के तहत भुगतान की मांग रखी गई है ताकि उन्हें त्यौहार से पहले मानदेय मिल सकें और वे अपना और अपने परिवार का खर्चा चला सकें।