Rajasthan Railway Department: उत्तर पश्चिम रेलवे जोन स्वदेशी सुरक्षा प्रणाली 'कवच 4.0' के साथ ट्रेन में सुरक्षा की व्यवस्था करते हुए एक बड़े अपग्रेड के साथ आगे बढ़ रहा है। यह आधुनिक तकनीक मेक इन इंडिया पहल के तहत विकसित की गई है और इसका उद्देश्य ट्रेन की टक्करों को रोकना और हाई स्पीड ट्रेन संचालन की सुरक्षा बढ़ाना है। आईए जानते हैं पूरी जानकारी।
सुरक्षा की पक्की गारंटी
उत्तर पश्चिम रेलवे जोन में विद्युतीकरण का कार्य अब पूरा होने वाला है। साथ ही कहीं ट्रेन पहले से ही इलेक्ट्रिक इंजन पर चल रही है। अब कवच 4.0 की स्थापना फिलहाल लगभग 1586 किलोमीटर रेलवे ट्रैक पर चल रही है। इस सुरक्षा प्रणाली को रेवाड़ी-जयपुर-अजमेर-पालनपुर, अजमेर-चित्तौड़गढ़-उदयपुर और फुलेरा-जोधपुर-लूनी-सादमाड़ी जैसे सबसे व्यस्त ट्रैक पर स्थापित किया जाएगा। यह सभी मार्ग रेल नेटवर्क के लिए काफी महत्वपूर्ण है।
विकास में चल रही तेजी से प्रगति
लक्षित मार्गों पर ऑप्टिकल फाइबर केबल को बिछाया जा रहा है और साथी जीपीएस टावर भी बनाए जा रहे हैं। जीपीएस टावरों की मदद से वास्तविक समय में ट्रेन संचालन की निगरानी की जा सकेगी।
कैसे काम करता है यह कवच 4.0
दरअसल यह कवच ट्रेन की गतिविधियों की निगरानी करने के लिए वास्तविक समय के डेटा का उपयोग करता है। इस टेक्नोलॉजी को संभावित टक्कर के रास्ते पर ट्रेनों को रोकने के लिए डिजाइन किया गया है। सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि अगर किसी ट्रेड की गति सीमा अधिक हो जाती है तो यह कवच लोको पायलट को अलर्ट भी कर देता है। इसी के साथ यदि पायलट प्रतिक्रिया देने में सफल हो जाता है तो सिस्टम ट्रेन को पूर्ण रूप से नियंत्रण में ले लेगा और दुर्घटनाओं से बचने के लिए अपने आप ब्रेक लगा देगा।
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