Jhunjhunu News: प्रदेश के झुंझुनू जिले में अलग सजा सामने आई है। जिसमें झुंझुनू बाल न्यायालय ने दो बालकों को अस्पताल में 2 साल तक सफाई करने का कार्य सौंपा है। साथ ही दोनों पर 10-10 हजार का जुर्माना भी लगाया है। दीपा गुर्जर (सेशन न्यायधीश) ने बालकों को हिंसा करने और कैम्पर गाड़ी को टक्कर मारकर वैन को डेमेज करने का फैसला सुनाया है। जिसमें उन्हें इस यूनिक तरह की सजा मिली है।

अब दोनों बालकों को दो साल तक राजकीय चिकित्सालय के वार्ड और रसोईघर के साथ साथ अन्य काम भी सौंपे हैं, जो कि बिना वेतन का काम होगा। उनको यह कार्य हफ्ते में 30 घंटों तक करना होगा। दोनों को यह कार्य CMHO की देख रख में करना होगा। साथ ही हर तीन महीने के बाद न्यायालय में पेश होना होगा। 

क्या है पूरा मामला

घटना 7 मई 2020 को हुई थी, जिसमें संदीप कुमार नामक एक व्यक्ति ने बगड़ थाने में रिपोर्ट करवाई थी कि प्रतापपुरा की ग्राम पंचायत में जो शराब का ठेका है, वो उसके लाइसेंस पर था। ठेका मठ बस स्टैंड झुंझुनू के पास है। वह रविंद और मनजीत के साथ 7 मई 2020 की सुबह ठेके पर गया और जैसे ही ठेका खोला तो, ठेके पर तीन बिना नंबर की बड़ी गाड़ियां आकर रुकी। गाड़ी में बैठे हमलावरों ने ठेके की तरफ अंधाधुंध फायरिंग की।

बाद में ठेके में रखी शराब की बोतलों को तोड़ा और दुकान से 1.5 लाख रुपए लेकर फरार हो गए। साथ ही वहां पर खड़ी गाड़ी को क्षतिग्रस्त भी कर दिया। बाद में पुलिस ने दोनों बालकों के खिलाफ कारवाई करके न्यायालय को सौंप दिया। बाद में यह भी पता चला कि दोनों बालक बालिग नहीं है तो, दोनों को बल न्यायालय में भेज दिया गया। 

कोर्ट ने क्या पूरा फैसला सुनाया

भारत भूषण शर्मा (लोक अभियोजक) ने अपना पक्ष रखा और 25 गवाहों के बयान को कोर्ट में पेश किया। जिसके बाद दोनों बालकों का डकैती का आरोप सिद्ध हुआ और दोनों को बरी किया गया। लेकिन अपराध सिद्ध होने के कारण उन्हें चिकित्सालय में साफ सफाई का काम सौंपा गया। साथ ही दोनों के ऊपर 10-10 हजार का जुर्माना भी लगाया है।

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