Indian Railways: बढ़ते ट्रेन हादसों को देखते हुए भारतीय रेलवे द्वारा राजस्थान और मध्यप्रदेश के बीच लगभग 162 किलोमीटर लंबा रेलवे ट्रैक का निर्माण कराया जाएगा। यह स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली (कवच) से लैस होगा।
बता दें कि रेलवे बोर्ड से इसके लिए स्वीकृति मिल चुकी है। साथ ही पश्चिम मध्य रेलवे ने इसकी निविदा प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। यह रेलवे ट्रैक कोटा जिले के सोगरिया रेलवे स्टेशन से मध्यप्रदेश के रूठियाई रेलवे स्टेशन तक बनाया जाएगा। यह कार्य दो साल के अंतर पूरा किया जाएगा।
40 करोड़ 65 लाख की लागत से होगा तैयार
बता दें कि यह कार्य 40 करोड़ 65 लाख की लागत से बनाया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत राजस्थान के लगभग 17 स्टेशन शामिल होगें जिनपर कवच उपकरण लगाने का कार्य किया जाएगा।
इससे सड़क हादसों पर कई हद तक लगाम लगाई जाएगी। साथ ही मौसम खराब होनें पर भी ट्रेनों का संचालन किया जा सकेगा। वहीं इंजनों में कवच उपकरण लगने के बाद ट्रेनों की स्पीड में भी बढ़ोतरी होगी।
कवच संस्करण 4.0 योजना के तहत लगाई जाएंगे कवच
इस प्रोजेक्ट को भारतीय रेलवे की कवच संस्करण 4.0 योजना के तहत बड़े पैमाने पर लागू किया जाएगा। इसके लिए रेलवे द्वारा स्वीकृत मिल चुकी है। फिलहाल दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक को कवच से लैस करने का कार्य किया जा रहा है। इस योजना के तहत नागदा से मथुरा के बीच रेलवे ट्रैक कवच बनाया जा चुका है।
राजस्थान के इन स्टेशनों पर लगाए जाएंगे कवच उपकरण
बता दें कि इस प्रोजेक्ट के तहत राजस्थान के 17 स्टैशन शामिल होगें। इनमें , कैशोली, सालपुरा, , बिजौरा, अन्ता, भौंरा, श्रीकल्याणपुरा, दीगोद, धरनावदा, मोतीपुरा चौकी, छजावा, बारां, सुन्दलक, भूलोन, छाबड़ा गुगोर, सोगरिया, अटरू, पीपलोद रोड आदि स्टेशन आते है। साथ ही झालावाड़, कोटा और बारां के ताप बिजलीघरों के लिए कोयले की आपूर्ति भी रेलमार्ग से होती है।
ये कार्य किए जाएंगे
1. हर एक स्टेशन व ब्लॉक सेक्शन पर स्टेशन कवच स्थापित करने का कार्य किया जाएगा।
2. पूरे ट्रैक में आरएफआईडी टैग लगाए जाएंगे।
3. पूरे खंड में दूरसंचार टावरों की भी स्थापना कराई जाएंगी।4. ट्रैक के साथ साथ ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाने का कार्य भी कराया जाएगा।
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