Rajasthan Civil Aviation Policy 2024: उड्डयन व्यवस्थाओं में विकास लाने के लिए राज्य सरकार ने नागरिक उड्डयन नीति 2024 (Civil Aviation Policy 2024) की शुरुआत की है। इस नीति का उद्देश्य निवेश का प्रोत्साहन और प्रशासनिक सुधारों के जरिए सेवा में बढ़ोतरी करना है। इस बड़े कदम के बाद राज्य भर में मौजूद विमान परिसंपत्तियों का इस्तेमाल करते हुए यात्री और कार्गो हवाई सेवा (Cargo air service) में बढ़ोतरी की जाएगी।

उड्डयन क्षेत्रों में बढ़ेगा निवेश 

इस नई नीति के तहत हवाई अड्डों और हवाई पट्टियों का विकास किया जाएगा और साथ ही मौजूदा उड्डयन सुविधाओं को भी अपग्रेड किया जाएगा। इस नीति में मुख्य रूप से निवेश को आकर्षित करने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। जिसमें फ्लाइंग ट्रेंनिंग ऑर्गेनाइजेशन (FTOS) सहित बाकी उड्डयन क्षेत्र में निवेश बढ़ाना भी शामिल है। इसी के साथ एफटीओएस की स्थापना को लेकर भूमि पट्टे आवंटन की दर और प्रक्रिया को भी तय किया गया। 

जिला कलेक्टरों को मिले उड़ान संचालन के अधिकार 

इस नई नीति के तहत अब जिला कलेक्टरों को राज्य के हवाई पट्टी और हेलीपैड पर सरकारी और निजी विमानन और हेलीकॉप्टरों के संचालन के लिए अनुमति  देने का अधिकार दे दिया है। इस कदम के बाद प्राइवेट विमान सेवाओं और आपातकालीन उड़ान कि स्वीकृति में तेजी आएगी। सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि इस नीति के तहत बाकी राज्यों, निजी ऑपरेटर और रक्षा विभागों द्वारा राजस्थान के राज्य अधिकारिता वाले हेलीपैड और हवाई पट्टियों के सुरक्षा और सफाई शुल्क को खत्म कर दिया है। 

राजस्थान के विमानन परिदृश्य पर एक नजर

फिलहाल राजस्थान (Rajasthan) में 10 हवाई अड्डे और 23 हवाई पट्टियां हैं। इनमें से चार प्रमुख हवाई अड्डे जयपुर, उदयपुर, कोटा और किशनगढ़ को भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (Airports Authority of India) द्वारासंचालित किया जाता है। बाकी, बीकानेर, बाड़मेर, जैसलमेर, जोधपुर, सूरतगढ़ और फलौदी को भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) नियंत्रित करती है।
सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि इसके अलावा राज्य सरकार के पास 19 हवाई पट्टियां भी हैं और चार अलग निजी हवाई पट्टियां हैं।

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