Rajasthan High Court: राजस्थान हाईकोर्ट ने सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा है कि राज्य के किसी भी सरकारी विभाह के कर्मचारी को एक ही जगह पद पर रहने का हक नहीं होता है। कोर्ट ने आदेश दिया कि कर्मचारी का उच्च अधिकारी नियमों की अवहेलना किए बिना किसी अन्य जगह पर तबादला कर सकता है। ऐसे मामलों में अदालत का दखल देना गलत होगा, अदालत तभी ही सुनवाई करेगा जब नियमों की अवहेलना हुई है। कोर्ट ने आगे कहा कि यदि कोर्ट सरकारी तबादलों में दखल देगी तो अदालत के सभी काम अटक जाएगे। इसके साथ ही कोर्ट ने राजस्थान कृषि अनुसंधान संस्थान के असिस्टेंट प्रोफेसरों के तबादलें आदेश को लेकर डाली गई याचिका को भी खारिज कर दिया है। 

जानें क्या है तबादला संबंधी आदेश?

दरअसल राजस्थान कृषि अनुसंधान संस्थान के असिस्टेंट प्रोफेसरों ने तबादलें आदेश को लेकर कोर्ट में याचिका दाखिल की थी जिसका फैसला सुनाते हुए अदालत ने असिस्टेंट प्रोफेसरों को नए पदों पर कार्यभर रहने का आदेश दिया है। यदि वे ऐसा नहीं करते है तो कृषि विवि द्वारा उनके खिलाफ कार्रवाई कर सकता है। कोर्ट ने मामले को खत्म करते हुए कहा कि कृषि विश्वविद्यालय एक स्वायत्तशासी संस्था है और इसके कर्मचारी राज्य सरकार के कर्मचारियों में शामिल नहीं होते है। राज्य सरकार केवल ऐसे संस्थाओं के वित्त मामलों में दखल दे सकती है। इसी कारण से तबादला संबंधी आदेश याचिकाकर्ताओं पर लागू नहीं हो सकता है। 

जानें क्या है पूरा मामला? 

याचिकाकर्ता ने कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए कहा था कि वे कृषि अनुसंधान संस्थान, दुर्गापुरा में स्थित कीट विज्ञान में सहायक प्रोफेसर के पद पर कार्यरत है जो अक्टूबर 2020 से काम कर रहे है। प्रदेश सरकार की ओर से 4 जनवरी 2023 को जारी आदेश जारी किया था जिसमें राज्य के सभी विभागों और स्वायत्तशासी संस्थाओं के कर्मचारियों के तबादले पर रोक लगा दिया था। आदेश के बाद भी याचिकाकर्ताओं के तबादलें का आदेश जारी किया था।