Rajasthan History: राजस्थान का इतिहास विविधताओं से भरा हुआ है। राजस्थान जो भारत के पश्चिमी भाग में स्थित है। ये राज्य अपनी सांस्कृतिक धरोहर वीरता की गाथाओं और समृद्ध इतिहास के लिए जाना जाता है। सदियों से ही राजस्थान राजाओं, युद्ध, संस्कृति बदलावों और ऐतिहासिक घटनाओं का गवाह माना जाता रहा है। राजस्थान का इतिहास प्राचीन विविधताओं से भरा हुआ है, जोकि प्राचीन सभ्यताओं से लेकर मुगल साम्राज्य और ब्रिटिश शासन की कहानियों का समावेश है।

राजस्थान का प्राचीन काल का इतिहास 

राजस्थान के प्राचीन काल का इतिहास सिंधु घाटी सभ्यता से शुरू होता है। सिंधु घाटी सभ्यता के अवशेष राजस्थान के कुछ स्थानों पर मिले हैं। यह अवशेष बालाथल और कालीबंगा नामक स्थान पर पाए गए थे। इन अवशेषों से पता चलता है कि सिंधु घाटी सभ्यता 5000 सालों से भी पुरानी है।

राजस्थान का मध्यकाल इतिहास 

राजस्थान राज्य के मध्यकाल में कई शक्तिशाली राजवंशों का उदय हुआ था। इन शक्तिशाली राजवंशों में प्रमुख राजवंश गुहिल वंश, प्रतिहार वंश और राजपूत वंश हुए। राजस्थान के इतिहास में राजपूतों का शासन काल प्रमुख और खास तौर पर प्रसिद्ध रहा है। राजपूतों ने अपने किले महल और युद्धों से राजस्थान की वीरता को इतिहास के पन्नों में दर्ज किया है।

राजस्थान के प्रमुख राजपूत शासकों में महाराणा कुंभा, राजाभोज, महाराणा प्रताप और पृथ्वीराज चौहान का नाम सबसे ज्यादा लिया जाता है। महाराणा प्रताप और अकबर के बीच हल्दीघाटी का युद्ध राजस्थान के इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो राजपूतों की वीरता और साहस को दर्शाता है। 

मुगल और राजपूतों के बीच का संबंध 

16वीं शताब्दी में राजस्थान में मुगल साम्राज्य का प्रभाव ज्यादा बढ़ा था। इस दौरान अकबर का शासन रहा और अकबर ने कई राजपूत शासकों को कूटनीति से अपनी ओर कर लिया था, लेकिन कुछ राजपूतों ने मुगल साम्राज्य के खिलाफ लड़ाइयां जारी रखीत, उनमें से एक हैं महाराणा प्रताप। महाराणा प्रताप ने अकबर के साथ कई युद्ध लड़े लेकिन हार नहीं मानी। राजपूत और मुगल साम्राज्य के बीच सांस्कृतिक और व्यापारिक संबंधों का भी विकास हुआ।

राजस्थान में ब्रिटिश काल 

ब्रिटिश साम्राज्य के आगमन के साथ ही राजस्थान में एक नए दौर की शुरुआत हुई। ब्रिटिश साम्राज्य के दौरान राजस्थान के विभिन्न राज्यों को अंग्रेजों ने अपने नियंत्रण में ले लिया। इस दौरान कई विरासतों के राजवाड़े ब्रिटिश सरकार के अधीन हो गए थे। राजस्थान की कई विरासतों के राजवाड़ों ने ब्रिटिश साम्राज्य के साथ अपने संबंधों को बनाए रखा लेकिन कुछ राजवाड़ों ने उनके खिलाफ क्रांति जारी रखी। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान क्रांतिकारी राजवाड़ों ने स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया। 1947 में भारत के विभाजन के बाद राजस्थान को भारतीय संघ में सम्मिलित कर लिया गया था।

राजस्थान का आधुनिक काल 

1947 में स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद राजस्थान के सभी राजवाड़े भारतीय संघ में सम्मिलित हो गए और राज्य का पुनर्गठन हुआ। 1950 में राजस्थान राज्य की स्थापना हुई और इस समय जयपुर को राज्य की राजधानी बनाया गया। राजस्थान का इतिहास बहुत ही समृद्ध और विविधताओं से भरा हुआ है। राजस्थान अपने ऐतिहासिक किलों, महलों, कला, संस्कृति और पर्यटन के लिए विख्यात है।

हर साल यहां देश-विदेश से पर्यटक घूमने के लिए आते हैं। राजस्थान राज्य न केवल अपनी वीरता और साहस के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यहां की संस्कृति, कला, संगीत, नृत्य और वास्तुकला भी पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। राजस्थान के किले, महल, मंदिर और स्मारक राजस्थान के वीर योद्धाओं की वीरता की गवाही देते हैं। 

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