Rajasthan Sitabari Festival: भारत में कई ऐसे मेले लगाए जाते हैं, जिसके पीछे कोई न कोई कहानी छिपी होती है। ऐसा ही एक मेला राजस्थान के प्रमुख पर्यटक स्थल सीताबाड़ी में लगाया जाता है, जो देशभर में काफी प्रसिद्ध है। बता दें कि सीताबाड़ी राजस्थान के लिए सबसे पवित्र स्थान के रूप में माना जाता है। यह भगवान श्री राम की पत्नी सीता माता को समर्पित हैं।

इस स्थान के बारे में कहां जाता है कि जब सीता माता को भगवान श्री राम ने अपने राज्य से निकाल दिए थे, तब सीता माता इसी स्थान पर महर्षि बाल्मीकि के आश्रम में रहा करतीं थी। वहीं इस जगह पर सीता माता का मंदिर भी है, जो प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक माना जाता है। 

बता दें कि सीताबाड़ी राजस्थान के बारां जिले केलवाड़ा कस्बे के पास स्थित है। यहां हर रोज सैकड़ों के संख्या में भक्त दर्शन के लिए आते हैं। सीताबाड़ी को लेकर कहा जाता है कि यह वही पवित्र स्थान है, जब राम भगवान सीता माता का त्याग कर उन्हें राज्य निर्वासन कर दिए थे, तब सीता माता यहीं महर्षि वाल्मीकि के आश्रम में रूकी थी और इसी स्थान पर माता ने अपने दोनों पुत्र को भी जन्म दिया था।

इसी स्थान पर लव- कुश भगवान राम से युद्ध भी किया था। साथ ही इस जगह को महर्षि बाल्मीकि के आश्रम के लिए प्रसिद्ध माना जाता है। यहां लव-कुश के जन्म होने के कारण इसे लव-कुश नगरी भी कहा जाता है, तो जानते हैं इस स्थान से जुड़ी खासियत।

कब लगाया जाता है सीताबाड़ी मेला

सीताबाड़ी मेला मुख्य रूप से पूर्वी राजस्थान के सबसे बड़े मेले के रूप जाना जाता है। यह मेला मई-जून के महीने में लगाया जाता है। यह राजस्थान की सहरिया जनजाति के सबसे बड़े त्योहार के रूप में मनाया जाता है। इस उत्सव को ''सहरिया जनजाति के कुंभ'' के रूप में भी जाना जाता है। इस जगह की सबसे खास चीज है कि यहां सूरज कुंड और लक्ष्मण कुंड है, जो सबसे पवित्र माना जाता है।  

इस मेले में आने से पहले लोग यहां के सीताबाड़ी कुंड में स्नान करते हैं फिर यहां के मंदिरों में पूजा-अर्चना कर के मेले का आनंद लेते हैं। इस मेले में राजस्थानी के पौराणिक वस्तुकला, ऐतहासिक कलाकृतियों, संगीत,और कठपुतली नाच जैसे कई सारे चीजों को दिखाई जाती है। जिसे देखने के लिए लोग देशभर से यहां आते हैं।