Rajasthan Tourism: प्राचीन विरासत एवं तमाम ऐतिहासिक धरोहरों की भूमि राजस्थान में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। राज्य के अलग-अलग हिस्सों में देश-दुनिया से पर्यटक पहुंचते हैं और जमकर मौज-मस्ती करते हुए ऐतिहासिक धरोहरों को देखते हैं। राजस्थान सरकार की कोशिश है कि पर्यटन को और रफ्तार दी जाए। इसी कड़ी में भरतपुर जिले को एक पर्यटक हब के रूप में विकसित करने की तैयारी है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने स्पष्ट किया है कि भरतपुर को पर्यटन हब के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके लिए कई सारे प्रयास किया जा रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि राजस्थान सरकार की इस पहल से जनपद की तस्वीर बदलेगी और स्थानीय लोगों के साथ आसपास के जिलों में बसे लोगों को भी लाभ होगा।
पर्यटन हब के रूप में विकसित होगा भरतपुर
राजस्थान का भरतपुर जिला पर्यटन हब के रूप में विकसित होगा। शासन की ओर से स्पष्ट किया गया है कि भरतपुर में सभी कार्यालय को पास लाने के लिए कर्मशिला भवन का नवाचार किया गया है। इसके अलावा विज्ञान केंद्र को स्थापित करने व वेटरनरी कॉलेज, जनाना अस्पताल को शहर के बाहर शिफ्ट करने की भी योजना है। भरतपुर में स्थित ऐतिहासिक व धार्मिक स्थलों पर सौंदरीकरण के तमाम काम भी कराए जाने हैं। इससे जनपद में पर्यटन को रफ्तार मिलेगी और लोग तेजी से आकर्षित हो सकेंगे।
कैसे बदलेगी जनपद की तस्वीर
राजस्थान का पूर्वी द्वार कहे जाने वाले भरतपुर का संबंध आदिकाल से है। इस जनपद में कई सारे धार्मिक स्थल है जहां राजस्थान सरकार जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण के काम करने की योजना बना रही है। ऐसा होने के बाद भरतपुर में जयपुर, जैसलमेर, जोधपुर के जैसे ही पर्यटकों की संख्या आएगी। इससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के तमाम अवसरों का सृजन होगा।
पर्यटकों के लिए रहने, खाने, परिवहन आदि का इंतजाम स्थानीय लोग करेंगे। ऐसा कर वे बदले में एक निश्चित रकम पर्यटकों से पाएंगे और आर्थिक रूप से सशक्त हो सकेंगे। जब भरतपुर के नागरिक आर्थिक रूप से सशक्त होंगे तो निश्चित रूप से जनपद की तस्वीर बदलेगी और भरतपुर विकास के नए अध्याय लिख सकेगा।
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