Rajasthan Unique Village: राजस्थान की सांस्कृतिक विविधता और परंपराओं के बारे में जब भी चर्चा होती है, तो अक्सर वहां की अनूठी रीति-रिवाज और सामाजिक मान्यताओं का जिक्र किया जाता है। इन्हीं परंपराओं में से एक बेहद अनोखी और दिलचस्प परंपरा है, जो राजस्थान के माउंट आबू के पास बसे एक छोटे से गांव जवाई में आज भी जीवंत है। यहां पर शादी के बाद दुल्हन की विदाई नहीं होती, बल्कि दूल्हा हमेशा के लिए अपने ससुराल में बस जाता है। यह परंपरा सैकड़ों साल पुरानी है और आज भी इस गांव के लोग इसे पूरी श्रद्धा और सम्मान के साथ निभाते हैं।

जवाई गांव की अद्वितीय परंपरा

जवाई गांव, जो माउंट आबू से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, अपनी अनूठी शादी की परंपरा के लिए जाना जाता है। यहां पर बेटियों को ससुराल विदा करने की प्रथा नहीं है, बल्कि इसके उलट, शादी के बाद दामाद विदा होकर अपनी पत्नी के गांव में आकर बस जाते हैं। यह परंपरा उन गांवों से बिल्कुल विपरीत है जहां बेटियों को शादी के बाद अपने ससुराल जाना होता है।

परंपरा की शुरुआत कैसे हुई?

इस परंपरा के पीछे की कहानी भी बेहद दिलचस्प है। कहा जाता है कि जवाई गांव में पहले लड़कियों की संख्या अधिक थी, जिसके कारण उनके लिए उपयुक्त विवाह संबंध ढूंढना काफी मुश्किल हो जाता था। इसलिए यहां यह अनोखी प्रथा शुरू हुई, जिसमें बेटियों को उनके ससुराल भेजने की बजाय, दूल्हे को विदा करके ससुराल में बसाया जाने लगा। यह परंपरा 700 साल पुरानी है और इसे जवाई के दो भाइयों जीवाजी और कान्हा जी से जोड़ा जाता है।

जीवाजी और कान्हा जी की कथा

जनश्रुति के अनुसार, करीब 700 साल पहले दो भाई, जीवाजी और कान्हा जी, जवाई गांव की दो बेटियों से विवाह करते हैं। जीवाजी ने रंभा नामक युवती से विवाह किया और उन्होंने जवाई गांव को बसाया। वहीं, उनके भाई कान्हा जी ने पवना नामक युवती से विवाह किया और जवाई गांव से 10 किलोमीटर दूर जंगल की ओर कंनारी ढाणी को बसाया। इस तरह से यह अनोखी परंपरा की शुरुआत हुई, जहां बेटियों की विदाई नहीं होती, बल्कि दामाद अपने ससुराल में आकर बस जाते हैं।

जवाई गांव का वर्तमान जीवन

आज के समय में जवाई गांव में 40 से अधिक परिवार रहते हैं और इसकी कुल आबादी करीब 300 के आसपास है। यहां के लोग मुख्य रूप से खेती-बाड़ी और गाड़ी चलाने का काम करते हैं। गांव का जीवन साधारण और शांतिपूर्ण है, और यहां की महिलाएं भी खेती और अन्य पारिवारिक कार्यों में अपना योगदान देती हैं।

माउंट आबू क्षेत्र में कुल 16 गांव हैं, जिनमें शेर गांव, उतरज, गोवा, मांच, हेटमजी, आरना, साल गांव आदि प्रमुख हैं। लेकिन जवाई गांव अपनी अनोखी परंपरा के कारण सबसे खास माना जाता है।