Rajasthan Weather Update: क्या आपने सोचा कि राजस्थान में इस बार सर्दी को क्या हुआ? खासकर जनवरी के महीने में जब बाकी उत्तर भारत में बर्फबारी का दौर चल रहा था, राजस्थान में तापमान जीरो या माइनस तक नहीं गया। पर हम पहले की बात करें तो, इससे पहले कई सालों तक यहां सर्दी का असर काफी तेज़ होता था, लेकिन इस बार ऐसा कुछ क्यों नहीं हुआ? चाइए डुबकी लगाते हैं इसके पीछे के दिलचस्प कारण में, जैसा कि मौसम एक्सपर्ट्स का कहना है।

सर्दी का सामान्य रहना एक नई कहानी

राजस्थान के ठंडे शहरों, जैसे सीकर, फतेहपुर, माउंट आबू , में इस बार जनवरी के महीने में टेम्प्रेचर जीरो से ऊपर ही रहा। यह पहली बार था जब इन शहरों में जनवरी में टेंप्रेचर माइनस नहीं गया। यही नहीं, उत्तर भारत के कई हिस्सों में इस बार जोरदार बर्फबारी हुई, जैसे जम्मू-कश्मीर, हिमाचल, और लद्दाख में। और बावजूद इसके, राजस्थान में टेंप्रेचर माइनस में नहीं गिरा। इसके पीछे की मिस्ट्री सॉल्व करने के लिए एक्सपर्ट ने इसे बारिश और कोहरे से जोड़कर देखा।

वेस्टर्न डिस्टर्बेंस और बारिश का असर

जयपुर के  मौसम विज्ञान केंद्र के डायरेक्टर राधेश्याम शर्मा बताते हैं कि इस बार राजस्थान में लगातार वेस्टर्न डिस्टर्बेंस (Western Disturbance) आ रहे थे। ये सिस्टम बारिश और वातावरण में नमी को बढ़ाती है, जिससे ठंड का असर कम हो जाता है। इन डिस्टर्बेंस के वजह से न केवल वातावरण में नमी बनी रही, बल्कि बारिश भी हुई, जिसने ठंड को कंट्रोल किया। उन्होंने कहा, "वातावरण में नमी के कारण कोहरा ज्यादा पड़ा, जो तापमान को माइनस में जाने से रोकता है।

तापमान के आंकड़े और शहरों का हाल

चलिए पहले इस साल 1 से 25 जनवरी तक की रिपोर्ट दिखाते हैं, माउंट आबू में सबसे कम टेम्प्रेचर 0.8 डिग्री सेल्सियस (17 जनवरी को) दर्ज हुआ। वहीं, फतेहपुर में 8 जनवरी को लोवेस्ट टेम्प्रेचर 1.1 डिग्री सेल्सियस था। इन आंकड़ों से यह साफ हो जाता है कि राजस्थान में इस बार ठंड का असर नॉर्मल से कम रहा। जनवरी के पहले तीन दिनों में अधिकांश शहरों में तापमान 5 से 8 डिग्री सेल्सियस के नीचे था, लेकिन जैसे-जैसे उत्तर की हवाओं का प्रभाव कम हुआ, तापमान में बढ़ोतरी हुई।

कोहरे का असर और फसलों पर प्रभाव

जब वातावरण में नमी होती है, तो कोहरा ज्यादा बनता है। राजस्थान के कई शहरों में इस सीजन में कोहरा भी ज्यादा था। सीकर, फतेहपुर, माउंट आबू जैसे शहरों में कोहरा सामान्य से ज्यादा था। कोहरे की वजह से तापमान गिरने का असर कम हुआ और ठंड ने लोगों को परेशान नहीं किया।

जयपुर में भी ठंड कम रही

राजधानी जयपुर में जनवरी में न्यूनतम तापमान औसत के आसपास रहा। 25 दिनों में से 13 दिन न्यूनतम तापमान औसत से ऊपर रहा, जबकि 12 दिन औसत से नीचे। इस दौरान जयपुर में औसतन 7.3 मिमी बारिश हुई, जो पिछले साल की तुलना में 87% ज्यादा थी। यह बारिश और वातावरण में नमी का असर था कि जयपुर में भी सर्दी का असर कम रहा।

आखिरी दौर की सर्दी और आने वाले दिनों का अनुमान

मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, 28-29 जनवरी से तापमान में बढ़ोतरी होनी शुरू हो जाएगी और सर्दी का आखिरी दौर शुरू होगा। इसके बाद, फरवरी के पहले दो हफ्तों में हल्की सर्दी रहने का अनुमान है। इस सीजन में राजस्थान में कड़ाके की सर्दी न पड़ने के पीछे मुख्य कारण बारिश और वातावरण में बनी नमी है।

इस बार के मौसम ने न केवल ठंड को कंट्रोल किया, बल्कि किसानों के लिए भी फायदेमंद साबित हुआ, क्योंकि उन्हें सिंचाई के लिए ज्यादा पानी की जरूरत नहीं पड़ी। कुल मिलाकर, इस बार का मौसम राजस्थान के लिए अनुकूल साबित हुआ, जिसमें ठंड से बचाव के साथ-साथ अच्छी बारिश और अच्छी फसलें दोनों का आनंद लिया गया।

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