Rajasthani Language: राजस्थानी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर जद्दोजहद जारी है। राजस्थान सरकार के मुख्य सचिव सुधांश पंत ने केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहिल को पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने यह सिफारिश की है। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर की पहल पर मुख्य सचिव सुधांश पंत ने भारत सरकार को पत्र लिखा है। मुख्य सचिव ने अपने पत्र लिख कर भारत के संविधान की आठवीं अनुसूची में भाषाओं को सम्मिलित करने की बात कही हैऔर विभिन्न भाषाओं को संवैधानिक दर्जा देने के लिए पात्र बताया गया है। बताया जा रहा है कि शिक्षा मंत्री की ये पहल जल्द ही रंग ला सकती है।
जल्द पूरी हो सकती है मांग
राजस्थानी भाषा को जल्द ही संवैधानिक मान्यता मिलने की संभावना जताई जा रही है। यह कदम भारतीय संविधान के तहत 8वीं अनुसूची में इस भाषा को शामिल करने की दिशा में हो सकता है। अगर राजस्थानी भाषा को 8वीं अनुसूची में शामिल किया जाता है, तो भारत की आधिकारिक भाषाओं में मान्यता मिल जाएगी और इसका उपयोग सरकारी कामकाजी भाषा के रूप में किया जा सकेगा। राजस्थानी भाषा के लिए लंबे समय से संवैधानिक मान्यता की मांग की जा रही है, ताकि इसके संरक्षण और प्रचार-प्रसार को बढ़ावा मिल सके।
इन राज्यों में भी बोली जाती है ये भाषा
राजस्थानी भाषा राज्स्थान की प्रमुख भाषा है। इसके अलावा गुजरात, पंजाब और हरियाणा में भी ये भाषा बोली जाती है। इस भाषा को संवैधानिक मान्यता दिलाने के लिए राज्य में कई बार आवाज उठी है और इसके लिए आंदोलन भी हुए। लेकिन अब तक इसका कोई परिणाम नहीं निकला। यदि इस बार यह मांग पूरी होती है, तो यह राजस्थानी बोलने वालों के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि होगी।