Unique temple: भारत में एक ऐसा अनोखा मंदिर स्थित है। जिसका आधा हिस्सा राजस्थान और आधा हिस्सा हरियाणा में मौजूद है। यह मंदिर राजस्थान के झुंझुनूं जिले के टीबा बसई गांव में स्थित है। मंदिर का पिछला भाग हरियाणा के ब्राह्मणवास गांव में आता है। इसी कारण से इस मंदिर में दोनों राज्यों से हजारों भक्त रोजाना भगवान का आशीर्वाद लेने के लिए आते हैं।

धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है यह मंदिर 

जानकारी के मुताबिक, देश के इस अनूठे मंदिर का नाम रामेश्वरदास धाम है, जो टीबा बसई गांव में दुग्धभागा नदी के किनारे मौजूद है। धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण यह मंदिर कला और वास्तुकला के लिए भी काफी मशहूर है। यहां सभी देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित है। इस मंदिर की खास बात यह है कि इस मंदिर में कोई भक्त पैसे का दान नहीं करता है। बल्कि श्रद्धालुओं को मिश्री और पेड़ों का प्रसाद दिया जाता है। 

हनुमान जी की है 41 फीट की प्रतिमा

रामेश्वरदास धाम के मुख्यद्वार के सामने बजरंग बली की एक 41 फीट की मूर्ति स्थापित की गई है। साथ ही शिव मंदिर में एक 10 फीट की एक विशाल शिवलिंग है, जो खेतड़ी उपखंड में बनी हुई है। इस धाम में एक हाथी और एक नंदी की भी 21 फीट की उंची प्रतिमा स्थापित है। 

रामनवमी के अवसर पर लगता है भव्य मेला

रामेश्वरदास धाम के मंदिर पुजारी लक्ष्मण शास्त्री ने बताया कि हर साल रामनवमी के अवसर पर मेला आयोजित किया जाता है। मार्गशीर्ष बदी अष्टमी के मौके पर बाबा रामेश्वर दास की पुण्यतिथि समारोह का आयोजित किया जाता है। पूरे साल मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है। 

उल्टे शब्दों में उकेरे गए हैं श्रीमद्भागवत गीता के 18 अध्याय

मंदिर की अनोखी बात यह है कि यहां के गीता भवन में श्रीमद्भागवत गीता के 18 अध्याय शीशे पर उल्टे शब्दों में लिखे गए है, जो बाहर से देखने पर सीधे दिखाई देते है। इस अनूठी कलाकृति को देखने के लिए दूर-दूर से भक्त आते हैं।

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