Rampuria Haveli: बीकानेर जिसे हवेलियों का शहर कहा जाता है, पर्यटकों के बीच काफी मशहूर है। आज हम बात करने जा रहे हैं यहां की ऐसी ही इमारत की जिसकी भव्यता आज भी ज्यों कि त्यों है। हम बात कर रहे हैं रामपुरिया हवेली की। 

रामपुरिया हवेली का इतिहास 

दरअसल 1920 में खेती के लिए पानी उपलब्ध कराने के लिए गंग नहर के निर्माण के दौरान महाराजा गंगा सिंह ने एक उद्योगपति भंवरलाल रामपुरिया से बड़ा ऋण लिया था। भुगतान के रूप में महाराज ने उन्हें यह आलीशान हवेली दे दी थी जो 1925 तक बनकर पूरी हो गई थी। भंवरलाल रामपुरिया के नाम पर ही इस शानदार हवेली का नाम रखा गया। रामपुरिया हवेली समूह में नौ राज सिंह हवेलियां शामिल है। जब आप इस हवेली के आसपास तंग गलियों में घूमेंगे तो आपको ऐसा लगेगा जैसे आप यूरोप में हो। 

शानदार वास्तुकला का बेजोड़ नमूना

गुलाबी रंग के बलुआ पत्थर से बना यह मंदिर राजपूत और ब्रिटिश वास्तुकला का शानदार मिश्रण है। इस हवेली के प्रवेश द्वार पर हिंदू देवताओं के चित्र और छवियां बाहरी दीवारों को और खूबसूरत बनाती हैं। यहां की खास बात यह है की इस हवेली की दीवारें बदलती धूप के साथ रंग बदलती हैं।  जैसे-जैसे सूरज ढलता है रोशनी का खेल इसकी गुलाबी लाल दीवारों को और भी सुंदर कर देता है। 
इस हवेली का आगे का भाग टाइटेनिक जहाज जैसा लगता है। इसलिए इस हवेली को टाइटेनिक हवेली भी कहते हैं। साथ ही यह शानदार हवेली न्यूयॉर्क शहर के ऐतिहासिक डेलमोनिको रेस्टोरेंट की याद दिलाती है।

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