Udaipur Airport: महाराणा प्रताप हवाई अड्डा यानी उदयपुर एयरपोर्ट जल्द नई विकास और विस्तार की नई ऊंचाइयों पर पहुंचने वाला है। दरअसल इस प्रक्रिया के अंतर्गत एयरपोर्ट के आसपास की 145 एकड़ जमीन भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) को आवंटित की जाएगी। इसमें 126.1010 एकड़ निजी जमीन भी शामिल है। इसके तहत प्रभावित क्षेत्र के हितधारकों/खातेदारों के लिए दो दिवसीय जनसुनवाई 19 और 20 दिसंबर को आयोजित की जाएगी।

इन गांवों की भूमि होगी अधिग्रहित

एसडीएम मावली रमेश सीरवी ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रभावित क्षेत्र तहसील वल्लभनगर के राजस्व ग्राम टुस डांगियान, मंदेसर जिला, उदयपुर की बिलानाम, तहसील मावली के राजस्व ग्राम डबोक, रावतपुरा, टुस और डबोक शामिल है। बता दें कि यह प्रक्रिया भूमि अर्जन, पुनर्व्यवस्थापन और पुनर्वासन में सही प्रतिकार और उचित अधिनियम के तहत की जाएंगी। साथ ही राज्य सरकार की ओर से जारी नियमों का पालन किया जाएगा। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) ने प्रक्रिया के तहत प्रभावित इलाकों के हितधारकों को यह आश्वासन दिया है कि उन्हें प्रक्रिया के तहत सही मुआवजा और पुनर्वास की सुविधा दी जाएगी। 

हवाई अड्डे का विस्तार और इंटरनेशनल उड़ानें

उदयपुर एयरपोर्ट से अब न केवल स्थानीय और घरेलू उड़ानों की सेवा मिलेगी बल्कि विस्तार के बाद  एयरपोर्ट पर इंटरनेशनल उड़ानें संचालन की योजना भी तैयार की जा रही है। बताया जा रहा है कि इसके पहले फेज में गल्फ देशों के लिए अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू की जाएंगी। इससे उदयपुर शहर के विकास को गति मिलेगी साथ ही इंटरनेशनल पर्यटन और व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा। 

649 एकड़ का हो जाएगा उदयपुर एयरपोर्ट 

उदयपुर एयरपोर्ट के विस्तार के बाद हवाई अड्डे का क्षेत्र 649 एकड़ हो जाएगा। फिलहाल यह 504 एकड़ की जमीन पर फैला हुआ है। इसका रनवे 2,743 मीटर का बनाया हुआ है। उदयपुर एयरपोर्ट से प्रतिदिन 10 शहरों के लिए 18 से ज्यादा फ्लाइट्स संचालित की जाती है। एयरपोर्ट पर यात्रियों के बढ़ते भार को देखते हुए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण द्वारा इसके विस्तार का फैसला लिया गया है।