Baal Vivah Mukt Rajasthan: बाल संरक्षण और बाल अधिकार की रक्षा के लिए सरकार ने न जाने कितने प्रयास किए हैं इसी फेहरिस्त में सरकार का एक और प्रयास जुड़ने जा रहा है। दरअसल, राजस्थान को बाल विवाह मुक्त बनाने के लिए भजनलाल सरकार एक खास आयोजन करने जा रही है। इसे बाल विवाह मुक्त राजस्थान अभियान नाम दिया गया है।

इसका आगाज 24 अप्रैल को होगा और राज्य के कोने-कोने तक संदेश देने का काम किया जाएगा। दावा किया जा रहा है कि सरकार के इस कदम से राजस्थान में नाबालिगों को संरक्षित किया जा सकेगा और शिक्षा के प्रति उन्हें जागरूक कर समाज की मुख्य धारा से जोड़ा जा सकेगा।

नाबालिगों का संरक्षण करेगी सरकार!

भजनलाल सरकार राजस्थान में बाल संरक्षण पर जोर देगी। बाल विवाह मुक्त राजस्थान अभियान के तहत उन बच्चों को संरक्षित किया जाएगा, जिन्हें कम उम्र में ही गृहस्थ जीवन अपनाने को मजबूर किया जाता है। सरकार बाल विवाह मुक्त राजस्थान अभियान के तहत नाबालिगों को संरक्षित करेगी। उन्हें जागरुक कर शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ा जाएगा।

ऐसा करने से बच्चे अपने अधिकार के प्रति जागरूक होंगे और राजस्थान बाल अधिकार संरक्षण आयोग की मुहिम सफल हो सकेगी। इसके साथ ही राज्य के विकास को भी रफ्तार मिलेगी और बदलती दशा-दिशा संभावनाओं के अपार द्वार खोलेगी।

बाल विवाह मुक्त राजस्थान मुहिम की खास बात

इस मुहिम का एकमात्र लक्ष्य नाबालिगों को संरक्षित कर उनके अधिकारों को बचाना है। उन्हें शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़कर सरकार नाबालिगों के अधिकार की रक्षा करेगी। इसी क्रम में बाल विवाह मुक्त राजस्थान मुहिम को रफ्तार दी जा रही है। ध्यान देने योग्य बात है कि राजस्थान के आदिवासी बाहुल जिलों में ऐसी कुरीतियों को अंजाम दिया जाता है।

डूंगरपुर, बांसवाड़ा, सिरोही, पाली और राजसमंद ऐसे प्रमुख इलाके हैं जहां बाल विवाह से जुड़ी खबरें सामने आती रहती हैं। यही वजह है कि सरकार इस खास मुहिम को रफ्तार देकर बाल विवाह पर पूरी तरह से रोक लगाना चाहती है। इसमें प्रशासन भी अपनी सहभागिता दर्ज कराएगा और लोगों के बीच जागरूकता का प्रसार कर राजस्थान को बाल विवाह मुक्त बनने की दिशा में योगदान देगा।

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