Ambikeshwar Mahadev Mandir: वैसे तो आपने महादेव शिव शंकर के बहुत से मंदिर देखे होंगे, लेकिन आज हम आपको महादेव के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जो बेहद खूबसूरत होने के साथ ही इतिहास में अलग ही पहचान रखता है। इस मंदिर को लेकर कहा जाता है कि इस मंदिर का उल्लेख भागवत पुराण मे भी है। कहा जाता है कि इसकी स्थापना द्वापर युग में खुद भगवान श्री कृष्ण ने की थी। यहां पर भगवान श्री कृष्ण का मुंडन संस्कार हुआ था। वो नंद बाबा और ग्वालों के साथ यहां पर आए थे और उन्होंने भगवान शिव का आवाहन किया था।
क्या है इतिहास
ये अंबिकेश्वर महादेव मंदिर है, जो लगभग पांच हजार साल पुराना है। ये मंदिर अपनी भव्यता के अलावा अपने इतिहास के लिए भी जाना जाता है। ये मंदिर आमेर फोर्ट के पास सागर मार्ग पर स्थित है, जिसके कारण इसका नाम अंबिकेश्वर पड़ा। अगर इस मंदिर के इतिहास की बात करें तो इस मंदिर को लेकर कहा जाता है कि एक समय काकिलदेव नाम के एक राजा हुआ करते थे।
एक बार उन्होंने एक गाय को देखा कि वो अक्सर एक सुनसान जगह पर जाकर दूध देती है। इसके बाद राजा ने उस जगह पर खुदाई कराई, तब वहां पर एक शिवलिंग निकली। इसके बाद वहां पर एक भव्य मंदिर बनवाया गया। कछवाहा राजपूत समाज के लोग अपना अंबिकेश्वर महादेव को अपना कुलदेवता मानते हैं।
कैसा है मंदिर
यह शिव मंदिर आमेर में सागर रोड पर स्थित बेहद भव्य और खूबसूरत है। ये मंदिर 14 खंभों पर टिका हुआ है। इस मंदिर का भूतल लगभग 22 फुट गहरा है। बारिश के मौसम में यह जल भूगर्भ से ऊपर तक आ जाता है, लेकिन जो जल ऊपर से चढ़ाया जाता है, वो कभी भूगर्भ तक नहीं जाता।