Hanuman Mandir Alwar: दुनिया के अधिकांश मंदिर की स्थापना के पीछे एक कारण होता है। राजस्थान के अलवर जिले में भी एक ऐसा ही मंदिर स्थित है, जिसके पीछे का राज आपको चौंका देगा। यह मंदिर शहर से 17 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसके इतिहास को लेकर यह बताया जाता है कि यह 125 सौ साल पुरानी है। आज के समय में अलवर के बगीचे में स्थित इस बजरंगबली के मंदिर का चमत्कार विश्वभर में विख्यात है। इस चमत्कारी मंदिर को लेकर भक्तों में अटूट विश्वास बना हुआ है। यहां राम मंदिर के जैसे रामदरबार भी लगाए जाते हैं। 

125 सौ पहले स्थापति हुई थी हनुमान जी की प्रतिमा 

125 सौ साल पहले बने इस हनुमान मंदिर को लेकर यह बताया जाता है कि कई सालों पहले एक भक्त हनुमान जी की मूर्ति लेकर जा रहा था। उस समय एक संत उस भक्त को मिले और उन्होंने उससे यहीं पर भगवान की मूर्ति रखकर मंदिर स्थापित करने को कहा। उसी संत की बातों में आकर भक्त ने उसी जगह पर एक मंदिर की स्थापना कर दी। उसी समय से यह हनुमान मंदिर इस जगह पर स्थापित है।

आज से कई साल पहले गांव की नदी में बरसाती पानी आने के कारण हनुमान जी की प्रतिमा डूबने लगती थी। इससे बचने के लिए लोगों ने हनुमान जी की प्रतिमा को उठाकर ऊपर कर दिया। ऐसा करने से हनुमान जी की मूर्ति तक पानी नहीं पहुंचता है। शुरुआती समय में किसी भक्त के द्वारा इस मंदिर में बजरंगबली की मूर्ति की स्थापना की गई। उस समय यह मूर्ति जमीन के नीचे धंसी हुई थी। लेकिन जब मंदिर का निर्माण करवाया गया, तब मूर्ति के साथ साथ मंदिर को भी विशाल रूप दे दिया गया।

बगीचे वाली हनुमान मंदिर के नाम से है मशहूर 

अलवर जिले में स्थित यह हनुमान जी का मंदिर अकबरपुर के बगीचे वाली हनुमान मंदिर के नाम से जाना जाता है। यहां प्रत्येक वर्ष हनुमान जी की झांकी अलवर शहर के घोड़ा फेर चौराहे से इस मंदिर तक लाई जाती है। इसकी दूरी करीब 17 किलोमीटर है।