Brahma Temple Asotra: दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा ब्रह्मा मंदिर राजस्थान के आसोतरा में स्थित है। इस मंदिर की शुरुआत 1961 में राजपुरोहित समाज के कुलगुरु श्री खेताराम जी ने कराई थी। यह ब्रह्मा जी का एकलौता ऐसा मंदिर है, जहां भगवान के साथ उनकी पत्नी सावित्री की भी मूर्ति भी स्थापित है। इस मंदिर में लाखों की संख्या में भक्त यहां आकर भगवान के दर्शन करते हैं। इस मंदिर की मान्यता है यहां सिर झुकाने से जीवन का हर कष्ट दूर हो जाता है। आज इस आर्टिकल में हम आपको श्री खेताराम जी को प्राचीन कथा के बारें में बताएंगे।  
 
संत खेताराम की कहानी 

ब्रह्माजी के मंदिर की नींव रखने वाले संत खेताराम का पुश्तैनी गांव तो सराणा था, लेकिन अकाल के चलते उनके माता-पिता बिंजरोल आ गए थे। माता के गुजर जाने के बाद उनके पिता अपने बच्चों के साथ वापस सराणा चले गए थे, कुछ साल बाद पिता का भी निधन हो गया। इसके बाद बाल खेताराम का मन भक्ति में लग गया। सांईजी की बेरी नामक आश्रम में दरवेश पंथी सिध्द संत मलंग सांईजी से ज्ञान गुरू लेने के बाद उन्होंने सांसारिक जीवन त्याग कर सन्यास का मार्ग अपना लिया। 

गुरू के मना करने पर भी बनवाया था मंदिर 

संत खेताराम महाराज जी ने मन में ब्रह्माजी का मंदिर बनाने का ठान लिया था, लेकिन उनके गुरू सांईजी ने ऐसा करने से मना किया था, क्योंकि ब्रह्माजी को सावित्री का श्राप था कि जो भी उनका मंदिर बनवाएगा वो साधक जीवित नहीं रह पाएगा। लेकिन संत खेताराम अपनी जिद्द पर अड़ गए, इसके लिए उनके गुरू ने उन्हें सलाह दी कि वे मंदिर का निर्माण करने से पहले मां ब्रह्माणी का आशीर्वाद ले।

सांईजी ने सिद्धि प्राप्त करने के लिए संत खेताराम को सोनाणा भेजा। यहां पहुंच कर संत ने राम-राम के नाम से छत्तीस जाति के सैकड़ों भक्तों को इक्ठा किया। इसके बाद उन्होंने केवल सवा रूपए में ब्रह्माजी का भव्य मंदिर बनवाया और आज यह मंदिर दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा ब्रह्मा मंदिर है।