Chittorgarh Unique Temple : भारत में कई ऐसे मंदिर है और सभी मंदिरों की अपनी अपनी मान्यताएं है। किसी मंदिर में भक्तों को प्रसाद के रूप में लड्डू पेड़े या फिर फलों को दिया जाता है। राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में स्थित श्री बानोड़ा बालाजी की मंदिर जो भक्तों को अनोखे प्रसाद वितरित के लिए पूरे भारत में विख्यात है।

यहां भक्तों को प्रसाद के रूप में नोट व सिक्के दिए जाते है। श्री बानोड़ा बालाजी मंदिर पूरे भारत में इकलौता ऐसा मंदिर है जहां भक्तों को प्रसाद के रूप में धान की वर्षा की जाती है। मंदिर को श्री लक्ष्मी रानी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर को साल में बस दो ही बार खोला जाता है। दर्शन करने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। प्रतिवर्ष यहां विशाल यज्ञ भी करवाया जाता है।

साल में दो बार खोलते हैं धन के द्वारा 

लक्ष्मी मंदिर के पाठशाला में दो बार ही खोले जाते हैं। शरद पूर्णिमा और चैत्र मास की पूर्णिमा को लक्ष्मी मंदिर के द्वार खोले जाते है। यहां दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को प्रसाद के रूप में एक पैकेट दिया जाता है जिसमें पंचमेवा, नोट, सिक्के,पुष्प, यज्ञ हवन कुण्ड की भभूत होती है। पैकेट के अंदर एक रुपए से लेकर 10 रुपए तक के सिक्के हो सकते हैं जबकि पैकेट के अंदर 10, 20, 50, 100, 200, 500 रुपए के नोट मिल सकते है।

प्रसाद बना समृद्धि का प्रतीक 

जब मंदिर के द्वारा खोले जाते हैं तो बड़ी संख्या में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ पहुंचती है। राजस्थान के अलावा गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र से भी श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते है। श्रद्धालुओं को जो प्रसाद के रूप में धन मिलती है लोग इसे अपने तिजोरी के गल्ले में सहेज के रखते हैं । ऐसा कहा जाता है कि इसको तिजोरी के गल्ले में रखने से समृद्धि आती है।

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