Mahalakshmi Temple Banswara: राजस्थान के बांसवाड़ा में 480 साल पहले बने महालक्ष्मी मंदिर की महिमा अपार है, यहां सफेद संगमरमर से बनी मां लक्ष्मी की मूर्ति बहुत ही अदभुत है, लक्ष्मी माता की मूर्ति करीब 3 फीट बड़ी है और माता 16 कमल दल पर स्वर हैं।

मंदिर का महत्व 

माता का ये मंदिर लगभग 7 किमी दूर चिंतामणि पर्वत पर स्थित है जिसकी धार्मिक दृष्टि से बासवाड़ा में  बहुत महत्व हैं।

चिट्टी पर लिखते हैं अपनी परेशानी

महालक्ष्मी मां के दर्शन को आने वाले उनके भक्त मां के लिए सोने की नथ, हार, अंगूठी का दान कर मन्नत पूरी करते हैं. पुरानी मान्यता है कि दर्शन करने वाले श्रद्धालू दानपत्र में अपनी मन्नत वाली चिट्ठी को दान देते हैं।
दान पत्र के इन चिट्टियो को संभालकर रख लिया जाता है. जब श्राद्ध पक्ष की अष्टमी आती है या बसंत पंचमी होती है तब मंदिर में बहुत बड़ा त्योहार होता हैं।

मनोकामना के लिए चिट्टियाँ 

यहां भक्तों द्वारा  मनोकामना के लिए चिट्टियाँ लिखा जाता है, जिसे बाद में  खोल कर देखा जाता है, यह माना जाता है कि यहां सभी की मन्नत पूरी हो जाती हैं।

ये चिट्टियो को 2-3 साल तक संभालकर रखा जाता है और फिर जल में विसर्जन कर दिया जाता है, ये परंपरा बहुत सालों से चली आ रही हैं। 

मंदिर में त्यौहारों की धूम

भक्तों का ये मनाना है कि यहां माता की पूजा करने से हर परेशानी का अंत होता है और घर में सुख समृद्धि बनी रहती है। इस मंदिर में कई
 त्यौहार को  बड़ी धूम धाम  के साथ मनाया जाता है,  इसमें से प्रमुख त्यौहार है दिवाली, नवरात्रि जिसमें विशेष पूजा और अनुष्ठान होता हैं।
साप्ताहिक पूजा में हर रविवार को मंदिर में एक विशेष पूजा का आयोजन होता है, जिसमें भक्त बड़ी संख्या में शामिल होते हैं।

इसे भी पढ़े-  महाकुंभ से पहले राजस्थान में शुरू हुआ अर्द्धकुंभ: इस कुंड में स्नान करने से पूरी होती है मनोकामनाएं, जानें जलती सलाखों का रहस्य