Dojraj Ganesh Mandir: भोलेनाथ और माता आदि शक्ति के पुत्र गणेश जी की विशेष पूजा अर्चना से सारे विघ्नह ठीक होते हैं, डीडवाना के दोजराज गणेश जी की 9 फीट प्रतिमा स्थापित है, भगवान गणेश की यह प्रतिमा राजस्थान की सबसे बड़ी मंदिर है, इस मंदिर की महिमा यह है शादी का पहला निमंत्रण देने से हर काम बिना किसी रूकावट पूरे होते है, इसलिए यहां पर हिंदू ही नहीं मुसलमान समुदाय भी अपनी निकाह के निमंत्रण लेकर जहां पहुंचते हैं।
ऐसे स्थापित हुई थी गणेश जी की मूर्ति
भगवान गणेश की इस प्रतिमा की ऊंचाई 9 फीट बड़ी है. मंदिर के पुजारी राम अवतार दधीच. यह मंदिर करीब 160 साल पुरानी है. उस समय निरंजनी संप्रदाय के संत नमक झील पर स्थित माता की मंदिर में जा रहे थें|
जब ये साधु वाहा पर रुके तब दुंदराज नमक एक साधु ने बड़ी मटकी,मुरड़ और मिट्टी से प्रथम पूज्य गणेशजी की प्रतिमा बनाई और डीडवाना के लोगों को जैसे ही ये बात पता चली तब उन्हें यहां पर प्राण प्रतिष्ठा करवाई गई, उस समय से यहां भगवान गणेश की इस मंदिर में पूजा-अर्चना होती हैं।
जानिए मंदिर परिसर के बारे में
गणेश की यह मूर्ति के पास उनकी पत्नी और रिद्धि और सिद्धि की मूर्तियां भी है, इनके मंदिर परिसर में एक तरफ बालाजी और दूसरी तरफ राम दरबार स्थापित है, गणेश की यार मूर्ति के ठीक बगल में नाग देवता भी है, मंदिर के मुख्य भाग में दो शेरों की मूर्तियां हैं और पास में तोतों के मूर्तियां भी है, डीडवाना के इस मंदिर में गणेश जी की इकलौती ऐसी मंदिर है जहां पर शेर और तोते की मूर्तियां भी हैं।
मंदिर ट्रस्ट करते हैं यह भी कार्य
पुजारी का यह मानना है कि गणेश जी की यह मंदिर से लोगों की आस्था काफी जुड़ी हुई है, यहां पर डीडवाना के ही नहीं बल्कि आसपास के जिलों और देश के विभिन्न राज्यों से भक्त दर्शन के लिए आते हैं. मंदिर में साल बहुत धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, सबसे खास गणेश चतुर्थी के अवसर पर मंदिर का मेला लगता है, डीडवाना के साथ साथ दूर के क्षेत्र से भी हजार भक्त आते हैं, गणेश चतुर्थी के दिन गजानन जी को 200 किलो मोदक का भोग लगाया जाता है. वैदिक मंत्रोच्चार के साथ कई धार्मिक अनुष्ठान भी किए जाते हैं, मंदिर मंदिर ट्रस्ट की ओर से पर्यावरण संरक्षण के लिए भी कई कार्य किए गए हैं, मंदिर ट्रस्ट लोगों के लिए का तुलसी माता का पौधा एवं और कई विभिन्न प्रकार के पौधे दान देते हैं।
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