Ganga Mandir: मां गंगा का प्राचीन मंदिर जयपुर के गोविंद देवजी मंदिर के पीछे स्थित जयनिवास बाग में बना हुआ है। यह मंदिर सालों से पर्यटकों की पहली पंसद है। जितना यह मंदिर अपनी कला के लिए प्रचलित है उतना ही अपने इतिहास के लिए। यह मंदिर अपनी स्थापत्य, शिल्प और कलाकारी के लिए मशहूर है। इस मंदिर की ऐसी कई खास बातें है जो कई लोगों को नहीं पता होती है। इस मंदिर से महाराजा सवाई माधोसिंह द्वितीय की आस्थें जुड़ी हुई है। आज इस लेख में हम आपको इस मंदिर के वो रहस्यों के बारें में बताएंगे जिसे पढ़कर आप चौंक जाएंगे। 

क्या है सोने के कलश का रहस्य 

इस मंदिर की खास बात यह है कि इस मंदिर में मां गंगा की विशाल मूर्ती के पास करीब 11 किलो का सोने का कलश रखा हुआ है। यह कलश कई सालों से सुरक्षित रखा हुआ है, इसकी रक्षा के लिए यहां बंदूकधारी प्रहारी भी तैनात किए गए हैं। ऐसा माना जाता है कि मंदिर के निर्माण के 103 साल बाद भी इस कलश का पानी एक बूंद भी कम नहीं हुआ है। 

रानी की अनुमति से बनाया गया था मंदिर 

इस मंदिर का निर्माण महाराजा सवाई माधोसिंह की महारानी जादूनजी के सम्मान में हुआ था। दरअसल रानी के महल के करीब एक गंगा मंदिर था जिसमें उनकी दासियां हर दिन माता की पूजा और सेवा किया करती थीं। रानी की इच्छा थी कि पूजा करते समय कोई विघ्न ना आए इसलिए राजा ने महारानी की इच्छा पूरी करने के लिए इस मंदिर का निर्माण करने का आदेश सुना दिया था। इस मंदिर को बनवाने के लिए राजा ने मकराने से संगमरमर मंगाया था। इसके साथ ही करौली से खास लाल पत्थर मंगाकर इस मंदिर को बनवाया था।