Gita Jayanti 2024 Kab hai: सनातन धर्म में गीता जयंती का बहुत ही बड़ा महत्व है। मान्यता है कि यह दिन भागवत गीता के जन्म का प्रतीक है। भागवत गीता सनातन धर्म का एक धार्मिक और पवित्र ग्रंथ है। इसमें 700 श्लोक और 18 अध्याय है। वैदिक पंचांग के अनुसार, गीता जयंती प्रत्येक साल मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की मोक्षदा एकादशी के दिन मनाई जाती है।
इस साल 2024 में गीता जयंती 11 दिसंबर को मनाई जाएगी। मान्यता है कि इस दिन भगवान श्री कृष्ण की विधि-विधान से पूजा की जाती है। तो आज इस खबर में गीता जयंती की शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और मंत्र के बारे में जानेंगे।
कब है गीता जयंती
वैदिक पंचांग के अनुसार, गीता जयंती 11 दिसंबर बुधवार को मनाई जाएगी। 11 दिसंबर को मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पड़ेगी। इस दिन एकादशी तिथि की शुरुआत देर रात 3 बजकर 42 मिनट पर शुरू होगी। साथ ही साथ इसका समापन अगले दिन यानी 12 दिसंबर दिन गुरुवार को देर रात 1 बजकर 9 मिनट पर हो जाएगी। उदया तिथि के दिन गीता जयंती 11 दिसंबर दिन बुधवार को मनाई जाएगी।
गीता जयंती के दिन कैसे करें पूजा
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, किसी भी पूजा-पाठ करने से पहले निवृत्त होना बहुत ही जरूरी है। इसलिए गीता जयंती के दिन पूजा करने के लिए आपको सुबह-सुबह उठना होगा। साथ ही पवित्र जल से स्नान करें। इसके बाद गोपी चंदन का तिलक लगाएं। भगवान श्री कृष्ण को पीले फूलों की माला अर्पित करें। देसी घी का दीप जलाएं। उसके बाद भगवान श्री कृष्ण के वैदिक मंत्रों का जाप करें। भगवान श्री कृष्ण को भोग में धनिया की पंजीरी, पंचामृत व केसर की खीर अर्पित करें।
गीता जयंती पर करें इन श्लोक का पाठ
1. कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।
मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते सङ्गोऽस्त्वकर्मणि॥
2.ध्यायतो विषयान्पुंसः सङ्गस्तेषूपजायते।
सङ्गात्संजायते कामः कामात्क्रोधोऽभिजायते॥