Holi 2025: होली से जुड़ी पौराणिक कथा तो हम सभी को मालूम है, लेकिन इस कथा में एक और किरदार है जिसकी आज भी राजस्थान के कई इलाकों में पूजा की जाती है। प्रदेश के कई क्षेत्रों में होलिका के प्रेमी इलोजी महाराज की मूर्ती की पूजा की जाती है। होली के अवसर पर इलोजी महाराज की मूर्ती को दूल्हे की तरह सजा कर देवता के रूप में पूजा जाता है। 

कौन थे इलोजी महाराज?

मान्यता है कि इलोजी महाराज हिरण्यकश्यप की बहन होलिका से प्यार करते थे और उनसे शादी करने वाले थे। लेकिन शादी से पहले हिरण्यकश्यप के कहने पर भक्त प्रहलाद को मारने के लिए होलिका उसे गोद में लेकर आग में बैठ गई थी। आग से प्रहलाद तो बच गए, लेकिन होलिका जिंदा जल गई थी। होलिका की मौक के बाद इलोजी की प्रेम कहानी अधूरी रह गई थी। हालांकि इलोजी ने उसके बाद कभी किसी और से शादी नहीं की। 

इलोजी का उड़ाया जाता हैं मजाक

आज भी राजस्थान के कई इलाकों में इलोजी महाराज को देवता के रूप में पूजा जाता है। वहीं कई स्थानों पर महिलाएं बेटे की इच्छा की कामना से इलोजी महाराज की पूजा करती है। साथ ही कुंवारे लोग भी शादी की कामना मांगते है। एक जगह जहां इलोजी महाराज की पूजा की जाती है।

वहीं दूसरी ओर इलोजी मजाकिया ओर छेड़छाड़ के लोकदेवता भी माने जाते है। जालोर और पाली जिले में लोग इलोजी का मजाक बनाकर उनपर हंसी मजाक करते हुए नजर आते है। 

संतान प्राप्ति का मिलता है आर्शीवाद

बालोतरा में इलोजी महाराज के भेरूजी आदि नामों से भी जाना जाता है। इनके कई कई चमत्कारों के बारें में भी लोककथाएं बताई जाती है। कहा जाता है कि कई साल पहले बालोतरा के सर्राफा बाजार में चोरों ने एक साथ 7 दुकानों में सेंध मारी की, लेकिन चोरी नहीं कर पाएं थे। वहीं कई लोग संतान की कामना से यहां आकर इलोजी महाराज की पूजा करते है और बाद में उनकी मनोकामना पूरी भी होती है। इसके चलते यहां हर वर्ष इनकी सजावट और श्रृंगार करके भक्त पूजा करते है।

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