Jodhpur 5 Famous Temple: जोधपुर राजस्थान का एक प्रमुख शहर है, जो अपनी समृद्धि संकृति और ऐतहासिक चीजों के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन इन सब के अलावा यह शहर अपनी धार्मिक स्थलों के लिए दुनियाभर मे फेमस है। यहां के मंदिरों की मान्यता देश विदेश तक फैली हुई है। इसलिए यहां देश के साथ विदेशों से भी श्रद्धालु सालों भर आते रहते हैं। अगर आप भी अपने परिवार के साथ जोधपुर के धार्मिक स्थलों का दर्शन करने का मन बना रहे हैं, तो एक बार इन जगहों के बारे में जरूर जान लें। 

महामंदिर जोधपुर

जोधपुर के सबसे फेमस मंदिर में से पहले नंबर पर महामंदिर का नाम आता है। इस मंदिर को भारतीय संस्कृति धर्म, धार्मिक साहित्य और ऐतिहासिक स्थलों का घर माना जाता है। यह देश से लेकर विदेश तक प्रसिद्ध माना जाता है। इस मंदिर में विदेशी श्रद्धालु हजारों के संख्या में सालों पर आते रहते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर में जो भक्त सचे मन से कोई मन्नत मांगता है, वह अवश्य पूरा होता है। वहीं इस मंदिर की वास्तुकला बहुत प्राचीन है, जिसकी भव्यता देखकर आप आश्चर्यचकित रह जाएंगे। 

चामुण्डा माता मंदिर

राजस्थान के जोधपुर शहर का एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है, जो सौंदर्य, साहस और धर्मपरायणता का अद्भुत मिश्रण माना जाता है। यह मंदिर माता चामुण्डा को समर्पित है, जो कि यहां के स्थाई लोगों के साथ साथ अस्थाई लोगों का विश्वास और आस्था का केंद्र है। कहां जाता है कि इस मंदिर में आने पर एक अलग ही शांती का अहसास होता है। अगर आप जोधपुर जा रहे हैं, तो समय निकालकर इस मंदिर का दर्शन जरूर करें। 

गणेश मंदिर

गणेश मंदिर राजस्थान के प्रमुख धार्मिक स्थल है, जो राजस्थान के जोधपुर में स्थित है। इस मंदिर का नाम सुनकर ही समक्ष गए होगें कि यह कौन सा भगवान को समर्पित है, यह भगवान गणेश को समर्पित है। जोधपुर के लोगों के लिए उनके जीवन में धार्मिकता और शांति के लिए महत्वपूर्ण मानते जातें हैं। इसलिए इस मंदिर की मान्यता दूर दूर तक फेमस है। 

राज रणछोड़जी मंदिर

जोधपुर के प्रमुख मंदिरों में से एक राज रणछोड़जी मंदिर है, जो भगवान कृष्ण को समर्पित है। यह पर्यटकों का भी पसंदीदा जगह माना जाता है, क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि इस जगह पर आने भागदौड़ की जिंदगी से मन को शांति प्राप्त होती है। 

संतोषी माता मंदिर

राजस्थान के प्रमुख धार्मिक स्थलों में एक है जोधपुर के संतोषी माता मंदिर। यह मंदिर संतोषी माता को समर्पित है। इसकी मान्यता पूरे राजस्थान के साथ साथ देश विदेश तक है। ऐसा कहा जाता है इस मंदिर से कोई भी भक्त खाली हाथ लौट कर नहीं जाता है।