Jodhpur Kali Temple: राजस्थान के जोधपुर में ओसियां नाम का एक शहर है, जो अपने पुराने मंदिरों के लिए काफी प्रसिद्ध है। इस शहर में सच्चियाय माता का मंदिर भी है, जिसके प्रति लोगों की अपनी आस्था है। यहां पर भक्ति भाव के साथ बड़ी संख्या में लोग आते हैं और माता रानी के दर्शन करते हैं। कहा जाता है कि सच्चियाय माता दुर्गा मां का नौवां रूप हैं। 

सत्य का रूप हैं मां सच्चियाय

सच्चियाय माता को दुर्गा मां का नौवां और आखिरी रूप माना जाता है। इन्हे सत्य की देवी भी कहा जाता है, इसलिए इनका नाम सच्चियाय माता पड़ा। सच्चियाय माता की पूजा हिंदू और जैन धर्म के लोग करते हैं। साथ ही अलग- अलग जाति के लोग इन्हे कुलदेवी के रूप में भी पूजते हैं। 

मंदिर का इतिहास

बता दें कि ये मंदिर तीन हजार साल से भी ज्यादा पुराना है। यह मंदिर 8वीं शताब्दी में बना और 12वीं शताब्दी में इसकी मरम्मत कराई गयी। कहा जाता है कि इस मंदिर में चार भुजाओं वाली महिषासुर मंदिनी खुद प्रकट हुई थी और आज भी उसी स्वरूप में यहां पर मौजूद हैं। कहा जाता है कि माता ने राजा उत्पल देव परमार को सपने में दर्शन दिए थे और बताया था कि तत्कालिक ओसियां की नौलखा बावड़ी में स्वर्ण मुद्राओं का भंडार है। उसे निकालकर इस मंदिर का निर्माण कराओ। राजा ने उस जगह पर खुदाई कराई और वहाँ पर जो खजाना निकला, उससे मंदिर का निर्माण कराया।

क्या है मान्यता

इस जगह पर की गई नक्काशी काफी खूबसूरत है, जिसे यहां आने वाले भक्त काफी पसंद करते हैं। कहा जाता है कि जैन समाज की उत्पत्ति यहीं से हुई थी। मान्यता है कि जो लोग माता रानी को अपनी कुलदेवी मानते हैं, वो वहां प्रसाद चढ़ाकर वहां नहीं रुकते। नवरात्रि के दौरान नौ दिन पूजा अर्चना कर के प्रसाद चढ़ाकर वहां से प्रस्थान करते हैं। वहीं ये भी कहा जाता है कि माता को बोली किया हुआ प्रसाद वापस घर लेकर नहीं जाया जाता।