Kala Gora Bhairav Mandir: आपने भगवान गणेश के मंदिर में हमेशा उनके साथ रिद्धि-सिद्धि को देखा होगा, यहां हमेशा गणेशजी की मूर्ति को उनके माता-पिता यानि पार्वती और भगवान शिव के साथ स्थापित की जाती है, लेकिन आपको बता दें कि राजस्थान के जोधपुर जिले में एक ऐसा अनोखा मंदिर बना हुआ है, जहां भगवान की मूर्ति के दाएं-बाएं काला और गोरा भेरुजी की प्रतिमा स्थापित की गई है। 15 फीट की बनाई गई इन मूर्तियों को एक भव्य चट्टान में तराश कर बनाया गया है। काला और गोरा भैरूजी के अलावा भगवान गणेश गले में शेषनाग धारण किए हुए रिद्धि-सिद्धि के साथ विराजित है।

दूर-दूर से आते हैं भक्त  

पूरे देश से लोग इस मंदिर में अपनी मनोकामना मांगने आते हैं, खासतौर पर नवविवाहित जोड़े अपने मंगलमय जीवन का आशीर्वाद लेने यहां आते हैं, साथ ही बच्चों के मुंडन संस्कार की परंपरा भी यहां सदियों से चलती आ रही है। 

तांत्रिक चक्र का रहस्य 

माना जाता है कि यदि आपको भैरव को पाना है, तो पहले इन्हें प्रसन्न करना पड़ेगा। रणथंबोर की अरावली पहाड़ियों के बीच स्थित काला गोरा भेरुजी मंदिर में एक पालना है, नवविवाहित दम्पत्ति यहां आकर इस पालने को झूलते हैं और अपने आगे के जीवन की मनोकामना मांगते हैं। इस पालने के पास में एक शीला पर सृष्टि चक्र है, जिसे तांत्रिक भाषा में भैरव चक्र के नाम से भी जाना जाता है। इस चक्र को तांत्रिक पूजा का सबसे बड़ा और पवित्र चक्र के रूप में पूजा जाता है। 

प्राचीन त्रिशूल मंदिर की महिमा 

इस स्थान पर अष्ट धातु का बना हुआ एक प्राचीन त्रिशूल मंदिर भी स्थित है, जिसकी आस्था पूरे भारत में जानी जाती है। काला गोरा भैरव मंदिर में मदिरा को प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है। माना जाता है कि हर साल यहां जयपुर दरबार के द्वारा पूजन कराया जाता था, लेकिन विरासत नष्ट होने के बाद इस मंदिर की व्यवस्था बिगड़ने लगी। इस मंदिर की खास बात है कि हर सोमवार को यहां पुजारियों का पोसरा बदल जाता है और मंदिर की जिम्मेदारी किसी और योगी परिवार के हाथ में सौंप दी जाती है। यह कार्यक्रम पिछले 100 साल से चलता आ रहा है।