Kapil Muni Temple: राजस्थान के बीकानेर से करीब 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित श्रीकोलायत जी हिंदू व सिख धर्म का पवित्र स्थल माना जाता है। कहा जाता है कि भगवान विष्णु का अवतार कहे जाने वाले कपिल मुनि ने दुनिया के कल्याण के लिए यहीं तपस्या की थी। यहां कपिल मुनि का भव्य मंदिर बना हुआ है, जिसमें संगमरमर की एक विशाह मूर्ति स्थापित की गई है। यहां हर साल हजारों की संख्या में भक्त आकर कपिल मुनि सरोवर में डुबकी लगाते हैं। 

कार्तिक पूर्णिमा पर लगता है मेला 

हर वर्ष इस स्थान पर कार्तिक पूर्णिमा पर मेले का आयोजन होता है। पूरे जिले का यह सबसे बड़ा मेला होता है। यहां देश के अलग-अलग कोने से लोग आकर शामिल होते हैं। 

सरोवर में डुबकी की मान्यता 

मेले के दौरान भारी संख्या में साधु-संत और भक्त आकर सरोवर में स्नान करते हैं। माना जाता है कार्तिक पूर्णिमा के दिन यहां आकर स्नान करना अन्य तीर्थ स्थलों के 10 साल के प्रवास के बराबर है। कहा है कि सरोवर में डुबकी लगाने से भक्त के सभी रोग दूर हो जाते हैं। 

मंदिर से जुड़ा इतिहास   

ऐसा कहा जाता है कि इस सरोवर की उत्पत्ति कपिल मुनि ने अपनी माता की मुक्ति के लिए की थी। इसका उल्लेख पुराणों में किया गया है। कई मान्यताओं के मुताबिक कपिल मुनि यहीं पीपल के पेड़ के नीचे बैठकर अपना शरीर समर्पित किया था। यहां आपको मंदिर के आस-पास कई पीपल के पेड़ दिखाई देंगे। सांख्य शास्त्र के जन्मदाता कहे जाने वाले कपिल मुनि ने अपनी माता के गर्भ में ही सांख्य शास्त्र का ज्ञान दे दिया था। 

सिख धर्म का भी है पवित्र धार्मिक स्थल 

हिंदु धर्म के साथ-साथ यह सिख धर्म का भी एक खास पवित्र स्थान है। माना जाता है गुरुनानक देवजी ने यहां यात्रा की थी जिसके चलते यहां उनका एक गुरूद्वारा भी बनवाया गया। कार्तिक पूर्णिमा पर ही गुरूनानक जयंती का पर्व मनाया जाता है। इस दिन दोनों धर्म के श्रद्धालु यहां आकर पूजा करते हैं।

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