Kedarnath Jaipur: जयपुर के खो नागोरियान की पहाड़ी पर स्थित केदारनाथ मंदिर भगवान शंकर को समर्पित एक प्राचीन और महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। यह मंदिर अपनी अनोखी विशेषता के लिए जाना जाता है, जहां एक ही मंदिर में दो शिवलिंग स्थापित हैं। मान्यता है कि यहां आशीर्वाद मिलने पर हर काम पूरा हो जाता है।
मंदिर की स्थापना
1102 ईस्वी में चांदा मीना नाम के शासक ने इस मंदिर की स्थापना करवाई थी। मंदिर का प्राचीन शिवलिंग, माता पार्वती और नंदी की प्रतिमा के साथ केदारनाथ धाम (उत्तराखंड) से लेकर आए थे और इस पहाड़ी पर मंदिर बनवाकर स्थापित करवाया था। इसके बाद दूसरे शिवलिंग की आनंशी महाराज ने प्रतिष्ठा करवाई थी, जिसमें शिव पंचायत विराजमान है।
मंदिर की विशेषताएं
- यह मंदिर जयपुर का सबसे प्राचीन शिव मंदिर है।
- मंदिर के बारे में कहा जाता है कि तीन किलोमीटर के कठिन रास्ते को चढ़कर जो भक्त यहां तक पहुंचता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
- सावन व शिवरात्रि पर दर्शनों के लिए श्रद्धालु यहां दूर-दूर से आते हैं।
- ये मंदिर अरावली पर्वत माला पहाड़ी पर बना हुआ है, जहां तक जानें के लिए लोगों को काफी परेशानी होती है।
- इस मंदिर में बुजुर्ग लोग कम पहुंच पाते हैं।
- केदारनाथ शिव मंदिर में विशेष रूप से हर पूजा केदारनाथ धाम के अनुसार ही की जाती है।
- यह मंदिर जयपुर का पहला शिवालय है।
- यहां विशेष रूप से नियमित पूजा होती है।
मंदिर के आसपास का प्राकृतिक सौंदर्य
- मंदिर के आसपास का प्राकृतिक सौंदर्य का मनमोहक दृश्य लोगों को सबसे ज्यादा पसंद आता है।
- सावन के महीने में यहां शिव भक्त दूर-दूर से दिन-रात का सफर कर कांवड़ यात्रा लेकर पहुंचते हैं और भगवान शिव का अभिषेक करते हैं।
- मंदिर के पास ही पहाड़ियों में मीणा राजा चांदा का सुंदर महल भी बना हुआ है, जो पर्यटकों के लिए आकर्षक का केंद्र है।
दर्शन के लिए जाने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक है
- पानी की बोतल साथ ले जाएं।
- पहाड़ी पर चढ़ने के लिए अच्छे जूते पहनें।
- पहाड़ी ढ़लान होने से फिसलने का डर रहता है।
- जहरीले जीव-जंतुओं का भी खतरा रहता है।