Free Stone Mandir: आज हम आपको राजस्थान में स्थित एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने वाले हैं, जिसके बारे में जानकर आप हैरान हो जाएंगे। राज्य के कोटा जिले में स्थित एक ऐसा मंदिर है, जो देखने में पूरी तरह से पत्थर से बना हुआ लगेगा, लेकिन सच यह है कि इसमें एक भी पत्थर लगा हुआ नहीं है। इसे स्टोन फ्री मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। इसमें ऐसा इसलिए किया गया, क्योंकि इसमें लागत कम लगे और मंदिर का निर्माण भी जल्द हो जाए। इस मंदिर का निर्माण कार्य स्वामी नारायण प्रसाद ने करवाया है, जिन्होंने केवल सीमेंट और कंक्रीट का उपयोग किया है। एसएमएस मंदिर को देखने के लिए भारी मात्रा में लोग आते हैं। 

कोटा में किया गया भव्य मंदिर का निर्माण

कोटा जिले में बन रहे इस मंदिर की पूरी व्यवस्था देख रहे मनी स्वामी का कहना है कि जब हमने जमीन खरीदी तभी हमें जल मंदिर करवाने का निर्णय लिया था। उतनी ही जल्दी सत्संग और भगवान का दर्शन लोग कर सके। हमारे संतो और कई ट्रस्टों ने इसे लेकर ऐसा कहा है कि इसका निर्माण हो जाए और यह देखने में पत्थर जैसा लगे, लेकिन इसमें एक भी पत्थर नहीं लगाया जाए। अगर हम इसमें पत्थर लगवाते तो उसमें समय लगता और इसकी लागत भी कई गुना बढ़ जाती। पूरी प्लेन करने के बाद इसे आरसीसी से बनवाया गया है। इसका लुक पत्थर जैसा ही है और इसका रंग पत्थर जैसा ही दिखे। 

कई देवी देवताओं की लगाई गई है मूर्ति

इस मंदिर का निर्माण काफी बड़ा एरिया में करवाया गया है। इसमें भगवान राम भगवान, श्री कृष्ण, शिव परिवार और भगवान स्वामी नारायण की मूर्ति स्थापित की गई है। इस भव्य मंदिर में एक मल्टीपरपज हॉल का निर्माण भी करवाया गया है। प्यार के निर्माता का कहना है कि विश्राम की भवन जी प्लस 3 का बनवाया गया है। जिसमें कुल 60 कमरे हैं। इन सभी चीजों का निर्माण धार्मिक लोगों को आने और रहने की व्यवस्था के हेतु करवाया गया है। यहां पर बारिश संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। 

भुजसे से मंगवाया गया कार्विंग का स्ट्रक्चर

यहां के आर्किटेक्ट भी उनके संप्रदाय से जुड़े हुए हैं और वह भी अहमदाबाद में निवास करते हैं। स्वामीनारायण प्रबंध ट्रस्ट मंडल ने इसका निर्माण बिना पत्थर के करवाने का किया है। इसकी सबसे बड़ी बाजार लागत कम करना और जल्दी से इस मंदिर का निर्माण करवाना है। यहां के स्वामी का बताना कि पत्रों की कढ़ाई में बहुत समय लगता है और उसकी लागत के लिए मजदूरों की संख्या भी बढ़ानी पड़ती है।