Marwar Festival: राजस्थान का कल्चर भारत के सांस्कृतिक रूप की सबसे अच्छी विशेषता है। यहां भिन्न भिन्न तरह के मेले, महोत्सव, लोकगीत, संगीत इत्यादि मिल जाएंगे। राजस्थान के पुराने किले और महल यहां की एक अनूठी विशेषता है। इससे भी ज्यादा तो खास चीज है राजस्थान के मेले, रीति रिवाज, कला, संस्कृति, महोत्सव। आज हम ऐसे ही एक मारवाड़ महोत्सव के बारे में चर्चा करेंगे। 

मारवाड़ महोत्सव:

यह महोत्सव राजस्थान के गांव की संस्कृति को दर्शाता है। इस महोत्सव के लोकगीत और संगीत कार्यक्रम होते हैं। यह महोत्सव जोधपुर शहर में होता है। इसमें देश विदेश से लोग खूब बढ़ चढ़कर भाग लेते हैं। इस महोत्सव को मारवाड़ संस्कृति का प्रतिबिंब भी कहा जा सकता है। 

कब और कहां मनाया जाता है:

मारवाड़ महोत्सव में कईं तरह की प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती हैं। प्रतियोगिताओं का स्थान राज्य में कहीं भी हो सकता है। यह प्रतियोगिता को आकर्षक और उद्देश्यपूर्ण बनाता है। प्रतियोगिता के स्थल जैसे - मेहरानगढ़ किला, उम्मेद भवन, मंडोर का किला। 

मारवाड़ महोत्सव का अलग है महत्व:

 मारवाड़ महोत्सव को राज्य और देश की संस्कृति का प्रतीक कहा जाता है। इसके दृश्य बहुत लुभावने और मजेदार होते हैं। महोत्सव में रंगीन और आकर्षण खेलों का भी आयोजन होता है। महोत्सव में टैटू शो, जादूगरनियां, लोकनृत्य, कठपुतली शो इत्यादि प्रदर्शनियां होती है। जोधपुर पहुंचने के लिए आप ट्रेन, बस या हवाई यात्रा के जरिए आ सकते हैं। यहां का हवाई अड्डा भी लगभग 6 किलोमीटर ही दूर है। अगर आने के लिए ऑटो या टैक्सी का भी सहारा ले सकते हैं। सरकार भी इस महोत्सव में सुविधाएं प्रदान करती है। जिनका आप इस्तेमाल कर सकते हैं। वैसे तो जोधपुर को दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता जैसे बड़े शहरों से भी जोड़ जा चुका है। इसलिए अगर आप दिल्ली से बस से आते हैं तो आपका रनिंग टाइम लगभग 13 घंटे का होगा।