Mohan Ram Temple Bhiwadi: भिवाड़ी की सरकार और काली खोली कहे जाने वाले मोहन राम बाबा के भक्त पूरे साल बाबा के दरबार पहुंचते हैं और लाखों की संख्या में दर्शन करने आते हैं। यहां पर होली और रक्षाबंधन के समय पर तीन दिन लक्खी मेला लगता है। इस मेले में 10 लाख से ज्यादा भक्त दर्शन करने आते हैं। भक्त बाबा मोहनराम को शिव शंकर, श्रीकृष्ण और विष्णु के अवतार में पूजते हैं। यहां पर 350 सालों से अखंड ज्योति जल रही है। 

किसने जलाई अखंड ज्योति

काली खोली धाम में इस ज्योति को बाबा के भक्त लालू भगत ने जलाया था। दिव्य ज्योति को बाबा का स्वरूप माना जाता है। कहा जाता है लालू भगत को यहां पर बाबा मोहन राम के दर्शन हुए थे। दर्शन के बाद वहां पर 12 घोड़े के पैरों के निशान बने, जिनकी आज भी पूजा की जाती है। ये निशान आज भी खोली की पहाड़ियों पर मौजूद हैं। खोली की पहाड़ियों पर शेषनाग की गुफा भी मौजूद है। इसको लेकर कहा जाता है कि लालू भगत को दर्शन देने के बाद मोहन राम बाबा इस गुफा के अंदर गए थे और यहीं से अंतर्ध्यान हो गए।

जोहड़ को लेकर मान्यता

बता दें कि बाबा मोहन राम का मंदिर जिसे खोली धाम के नाम से जाना जाता है, वो राजस्थान जिले के अलवर में भिवाड़ी के मिलकपुर गांव मे स्थित है। खोली धाम के पहाड़ों के ऊपर एक जोहड़ है, जहां पूरे साल पानी भरा रहता है। इसको लेकर मान्यता है कि इस पानी से जो भी स्नान करता है उसके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। पहले के समय में ग्वाले यहीं पर अपनी गायों को पानी पिलाने आया करते थे। खोली धाम के नीचे भी एक जोहड़ है। यहां को लेकर मान्यता है कि जो भी व्यक्ति यहां की मिट्टी छान कर दूसरी जगह रखता है। बाबा उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।

पत्थर को बजाने पर आती है घंटे की आवाज

खोली धाम की परिक्रमा करते समय रास्ते में एक शिला पड़ती है, जिसे बजाने पर उसमें से घंटे की आवाज सुनाई देती है। पुराने समय में सभी ग्वाले इस पत्थर से निकलने वाली घंटे की ध्वनि सुनकर इकट्ठे होते थे। दही मलिदा का प्रसाद बांटने से पहले भी शिला को बजाया जाता था, इसकी आवाज सुनकर भक्त प्रसाद लेने के लिए इकट्ठे हो जाया करते थे।